50 से ज्यादा कंपनियों के कफ़ सिरप के सैंपल, टेस्ट में फेल

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नई दिल्ली। देश में इन दोनों दवा निर्माता कंपनियों द्वारा अमानक दवाइयां बनाकर महंगे दामों पर बेची जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संख्या में ड्रग इंस्पेक्टर नहीं है। दुकानों से सैंपल इकट्ठे नहीं किया जा रहे हैं। जिसके कारण दवा निर्माता कंपनियां भारी लूट मचाते हुए आम आदमियों के जीवन से खिलवाड़ कर रही हैं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा कफ सिरप के 54 कंपनियों से 2104 नमूने परीक्षण के लिए एकत्रित किए गए थे। 54 कंपनियों में से मात्र चार कंपनियों के कफ सिरप मानक पर खतरे खरे उतरे हैं। जबकि 50 कंपनियों के कफ सिरप अमानक पाए गए हैं।
गुजरात की औषधि एवं खाद्य प्रयोगशाला के 385 मुंबई की सेंट्रल ड्रग्स टेस्टिंग लैबोरेट्री में 523 चंडीगढ़ प्रयोगशाला में 284 गाजियाबाद के भारतीय फार्माकोपोयिया आयोग ने 502 नमूनो का विश्लेषण किया। इसमें 50 कंपनियों के कफ सिरप पूरी तरीके से अमानक पाए गए हैं। उल्लेखनीय है जीसीआई ने जांच प्राथमिकता के आधार पर करने के आदेश दिए थे। रिपोर्ट भी जल्दी देने के आदेश किए गए थे। उल्लेखनीय है कि गुजरात के खेड़ा जिले में कफ सिरप के पीने से 5 लोगों की मौत हो गई थी। दो लोग बीमार हो गए थे। उसके बाद व्यापक स्तर पर इसकी जांच कराई गई। जिसमें 50 कंपनियों के कफ सिरप पूरी तरीके से अमानक पाए गए। पिछले वर्ष भारतीय कंपनियों के कफ सिरप से उज्बेकिस्तान में 89 बच्चों की मौत हुई थी। तभी मामले ने बड़ा तूल पकड़ा था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और गैर जिम्मेदारी के कारण दवा कंपनियां अनियंत्रित होकर भारी लूट मचा रहे हैं। सरकार का कोई नियंत्रण देखने पर नहीं आ रहा है।

 

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