देश के चुनिंदा रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट की तरह किया जा रिडेवलप

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस लंदन स्टेशन को देगा मात, 1200 स्टेशनों पर चल रहा काम

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नई दिल्ली। देश के कुछ रेलवे स्टेशनों को सुविधाओं के लिहाज से और सुसज्जित बनाया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अमृत भारत स्कीम के तहत देशभर में 1300 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास जारी है, इनमें से 104 स्टेशनों पर काम पूरा हो चुका है।
उन्होंने कहा कि कई स्टेशनों पर काम में प्रगति हुई है। इस योजना का उद्देश्य पूरे रेलवे नेटवर्क में स्टेशनों को बेहतर और आधुनिक बनाना और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना है। पीएम मोदी ने 2023 में स्टेशन पुनर्विकास योजना की आधारशिला रखी थी। रेल मंत्री ने कहा कि दुनिया में कहीं भी इस पैमाने पर स्टेशन पुनर्विकास परियोजना नहीं है। इस योजना के तहत आने वाले स्टेशनों पर चल रहे काम की तस्वीरें दिखाईं, जिसमें मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस भी शामिल है, जिसे विश्वस्तरीय सुविधा के रूप में तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सीएसएमटी स्टेशन के पुनर्विकास का काम बहुत बड़ा है, जिसकी अनुमानित लागत 1800 करोड़ रुपए है और यह बहुत तेज गति से चल रहा है। रेल मंत्री ने कहा कि पुनर्विकास कार्य पूरा होने पर दक्षिण मुंबई में ब्रिटिश काल का परिसर सीएसटीएम लंदन के किंग्स क्रॉस स्टेशन से कहीं बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं जैसे प्रतीक्षालय, फूड कोर्ट, साफ शौचालय, लिफ्ट, एस्केलेटर और डिजिटल सुविधाओं से लैस करना है। इसके अलावा रूफ प्लाजा, इंटर मॉडल कनेक्टिविटी, बच्चों के खेलने का स्‍थान, कियोस्क, लिफ्ट, वेटिंग रूम आदि शामिल हैं। साथ ही इन स्टेशनों को पर्यावरण और दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जाएगा।
इस योजना के तहत भारतीय रेलवे देशभर में 1300 रेलवे स्‍टेशनों का कायाकल्‍प कर रहा है। इनमें से कई स्‍टेशनों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं के साथ मल्‍टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में रिडेवलप किया जा रहा है। इनमें सबसे ज्‍यादा यूपी, महाराष्‍ट्र और पश्चिम बंगाल हैं। रेल मंत्रालय द्वारा अमृत भारत स्‍टेशन योजना के तहत स्‍टेशनों को रिडेवलप किया जा रहा है। इनका कुल बजट एक लाख करोड़ का है। यूपी में सबसे ज्यादा 157, उसके बाद महाराष्ट्र में 132, पश्चिम बंगाल में 101, बिहार में 98, गुजरात में 87, राजस्थान में 85, मध्य प्रदेश में 80, तमिलनाडु में 77, आंध्र प्रदेश में 73, कर्नाटक में 61, ओडिशा में 59, झारखंड में 57 और असम में 50 स्‍टेशन रिडेवलप किए जा रहे हैं।
 

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