जबलपुर। डॉक्टर द्वारा एक मरीज को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया। इसके बाद मरीज की मौत हो गई। आरोपी डॉक्टर ने पुलिस से बचने के लिए रातों-रात मरीज का शव बरगी बांध में फेंक दिया। इस वारदात में डॉक्टर के अलावा उसका भाई और स्टाफ के व्यक्ति शामिल थे। यह मामला छिंदवाड़ा स्थित अमरवाड़ा का है। जानकारी के मुताबिक लहगडुआ के रहने वाले 60 वर्षीय पुसु राठौर को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। वे 2 दिसंबर की दोपहर अमरवाड़ा के वार्ड 6 में डॉ. दीपक श्रीवास्तव के क्लीनिक गए थे। यहां डॉक्टर ने उन्हें सेलाइन और इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही पुसु राठौर घबराने लगे। डॉक्टर ने उन्हें क्लीनिक के पीछे वाले कमरे में ले जाकर ड्रेसिंग टेबल पर लिटा दिया। इसके कुछ देर बाद बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया था ।
परिजनों ने दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट
मरीज की मृत्यु होते ही आरोपी डॉक्टर ने घबराकर अपनी कार कार की पिछली सीट पर डेड बॉडी रखकर बरगी के पास निगरी से गोकलपुर जाने वाली नहर में फेंक आए। इसी दौरान परिजनों ने मृतक की खोज शुरू कर दी। पता न चलने पर उन्होंने थाने में जाकर गुमशुदगी दर्ज करवाई। जिसमें उन्होंने बताया कि पूसु राठौर घर से अस्पताल जाने का कहकर निकले थे लेकिन अभी तक उनका कुछ पता नहीं चला।
जांच में पता चली मामले की सच्चाई
मामले के दूसरे दिन पुलिस को जबलपुर में गोकलपुर नहर में एक शव मिला । जिसकी जांच करने पर वह 60 वर्षीय पूसु राठौर का होना पाया गया। उसके बाद पुलिस ने जब गहराई से इस मामले की जांच की तो उन्हें डॉक्टर की करतूत के बारे में पता चला। पुलिस ने इस मामले में 64 वर्षीय डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, निवासी मरकावाड़ा गांव, 55 वर्षीय देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव , निवासी मरकावाड़ा गांव (डॉक्टर का भाई), 35 वर्षीय कपिल मालवी, निवासी अमरवाड़ा और 29 वर्षीय प्रदीप डहेरिया, निवासी बिनेकी गांव को गिरफ्तार कर लिया है।