नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी समय पूर्व लोकसभा चुनाव कराने की तैयारी में हैं। 22 जनवरी को राममंदिर कार्यक्रम संपन्न होने के साथ ही लोकसभा चुनाव की अधिसूचना तिथियां निर्वाचन आयोग घोषित कर सकता है। देश में चुनाव तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। पहले चरण में हिंदी बेल्ट के राज्यों में मतदान कराये जाने की संभावना है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि मोदी सरकार समय पूर्व लोकसभा चुनाव करा सकती है। तीन से चार माह पहले ही लोकसभा चुनाव में जाने के लिए भाजपा ने रणनीति बनाकर उस पर कार्य करना भी शुरु कर दिया है। फरवरी के अंतिम सप्ताह और मार्च के प्रथम व द्वितीय सप्ताह में मतदान कराया जाए। लोकसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न कराया जा सकता है।
इसमें प्रथम चरण में हिंदी बेल्ट में चुनाव होंगे, क्योंकि राममंदिर कार्यक्रम का असर इनमें ज्यादा देखा जाता है और इसका लाभ पार्टी को अधिक से अधिक मिल सके। इसका भी ध्यान रखा जाएगा। हिन्दी भाषी राज्यों में प्रथम चरण का मतदान कराने के बाद दक्षिण राज्यों में चुनाव कराने की संभावना है और अंतिम चरण में कश्मीर व पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों में चुनाव संपन्न कराने पर विचार किया जा सकता है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि केंद्र सरकार अपना कार्यक्राल पूर्ण करने की बजाय चुनाव में जाना ज्यादा पसंद करेगी। इसका मुख्य कारण राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का हिन्दी बेल्ट में होने वाले असर का लाभ लेने की मंशा भी काम कर रही है। नियमानुसार 3 से 4 माह पहले भी आयोग द्वारा चुनाव कराए जा सकते हैं।
पहले भी 1977 और 1984 में जनवरी माह में 3 चरणों में लोकसभा चुनाव कराये गये हैं। वित्त मंत्री 2 माह के लिए लेखानुदान पास करा लेंगी। ताकि अप्रैल एवं मई 23 में बजट से संबंधित कोई समस्या ना हो। नई सरकार 2024 में अपना पूर्ण बजट प्रस्तुत कर पायेगी। 2 बाह पूर्व में यह व्यवस्था हो चुकी है। जिसके कारण लोकसभा चुनाव फरवरी एवं मार्च 24 में कराए जाने की संभावना बन गई है।