अमेरिकी सांसदों ने कहा- अगर पन्नू मामले में आरोपों का समाधान नहीं किया गया तो भारत के साथ संबंधों को ‘गंभीर नुकसान’ हो सकता है

अमेरिका द्वारा जारी अभियोग में न्यूयॉर्क में मोजूद खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून, जो कि एक अमेरिकी नागरिक है, को मारने की साजिश इस साल के शुरुआत में रचने का आरोप लगाया गया है।

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वॉशिंगटन डीसी. प्रभावशाली अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसदों का एक समूह, जो भारत-अमेरिका रिश्तों का समर्थक है, ने सामूहिक रूप में कहा है कि अगर एक अनाम भारतीय अधिकारी और भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ हत्या की साजिश में अमेरिकी वकील के आरोपों को भारत द्वारा संबोधित नहीं किया गया तो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को “गंभीर क्षति” का सामना करना पड़ सकता है।

29 नवंबर को न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले से एक अभियोग में आरोप लगाया गया कि इन व्यक्तियों ने इस साल की शुरुआत में न्यूयॉर्क में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो की एक अमेरिकी नागरिक है, को मारने की साजिश रची थी।

सांसदों ने आरोपों को “बेहद चिंताजनक” बताते हुए कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता उनके मतदाताओं की सुरक्षा थी। “हम मानते हैं कि अमेरिका-भारत साझेदारी ने दोनों देशों के लोगों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डाला है, लेकिन हमें चिंता है कि यदि अभियोग में उल्लिखित कार्रवाहियों को उचित रूप से संबोधित नहीं किया गया, तो इस परिणामी साझेदारी को महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।”

डेमोक्रेटिक के सदस्यों ने बुधवार को मामले पर एक वर्गीकृत ब्रीफिंग प्राप्त करने के बाद शुक्रवार को एक बयान में कहा।

वहीं  नई दिल्ली ने मामले की जांच शुरू की है, जिसका सांसदों ने स्वागत किया है। कांग्रेस के बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में अमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार थे। श्री खन्ना भारत और भारतीय अमेरिकियों पर कांग्रेसनल कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। श्री बेरा इंडो-पैसिफिक पर प्रतिनिधि सभा की उपसमिति के रैंकिंग सदस्य हैं। सभी हस्ताक्षरकर्ता भारत-अमेरिका में सक्रिय हैं।

वहीं संबंधित अभियुक्तों में से एक, निखिल गुप्ता की प्राग में गिरफ्तार होने और अमेरिका में प्रत्यर्पण का सामना करने के कारण सुर्खियों में छाए हुए हैं, अन्य अभियुक्तों के बारे में कम जानकारी है, एक अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी, जिसे अभियोग में ‘सीसी -1’ के रूप में वर्णित किया गया है पर इससे अधिक जानकारी उपलब्ध नही कराई गई।

शुक्रवार के बयान में सरकारी अधिकारियों को भी जवाबदेह ठहराने की मांग की गई है। बयान में कहा गया है, “…यह महत्वपूर्ण है कि भारत पूरी तरह से जांच करे, भारत सरकार के अधिकारियों सहित जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाए और आश्वासन दे कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।”

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