दूसरी बार भी ईडी के समन पर केजरीवाल नहीं हुए पेश

ईडी को भेजा जवाब, गैर कानूनी समन को वापस ‎लिया जाए

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नई दिल्ली। दिल्ली शराब कांड मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल दूसरी बार भी ईडी के समन पर पेश नहीं हुए। उन्होंने ईडी के नोटिस पर जवाब देते हुए कहा कि उनके पास छिपाने को कुछ नहीं है और इस समन को वापस लिया जाए। दरअसल, दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी ने पेश होने के लिए नोटिस भेजा था, जिसमें अरविंद केजरीवाल को आज पेश होना था। मगर अब केजरीवाल ने कहा है कि वह ईडी के समक्ष आज भी पेश नहीं हो सकते हैं। हालां‎कि यह दूसरी बार है, जब अरविंद केजरीवाल ईडी के समन पर पेश नहीं होंगे। बताया जा रहा है कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत अरविंद केजरीवाल बुधवार को विपश्यना के लिए निकल गए थे, जहां वो 30 दिसंबर तक रहेंगे। ईडी के समन के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने लिखा ‎कि मैं हर कानूनी समन मानने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि ईडी का ये समन भी पिछले समन की तरह गैर कानूनी है और राजनीति से प्रेरित है, इसलिए समन वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि मैंने अपना जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता से जिया है और मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं है।
गौरतलब है कि दिल्ली शराब घोटाला केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नवंबर महीने में भी ईडी ने पेश होने के लिए समन जारी किया था, मगर वह पेश नहीं हो सके थे। कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। पिछली बार भी केजरीवाल ने ईडी को पत्र लिखकर जवाब दिया था और नोटिस को अस्पष्ट बताया था। इससे पहले सीबीआई यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने लगभग छह महीने पहले इस मामले में केजरीवाल से लगभग नौ घंटे पूछताछ की थी। ईडी ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल को दूसरी बार समन जारी किया है। बता दें ‎कि सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था।
दरअसल ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने हालां‎कि कथित शराब घोटाले में अप्रैल में अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की थी, जिस दौरान उनसे लगभग 56 सवाल पूछे गए थे। पूछताछ के बाद केजरीवाल ने पूरे मामले को ‘मनगढ़ंत’ और आप को खत्म करने का प्रयास करार दिया था। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति की जांच कर रहे हैं, जिसमें कथित तौर पर कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया था, हालांकि इस आरोप का आप ने दृढ़ता से खंडन किया है।

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