शहडोल। डॉ मोहन यादव के प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही शहडोल जिले के एक सरकारी आवास की सूरत भी तेजी से बदलने की कवायद शुरू हो गई है। एक सरकारी आवास का मुख्यमंत्री से रिश्ता भी बेहद खास है। दरअसल शहडोल के शंभू नाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में तैनात डॉक्टर प्रज्ञा यादव को अगस्त माह में एक जर्जर आवास आवंटित किया गया था, लेकिन डॉक्टर मोहन यादव के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही इस आवास के दिन भी फिरने वाले हैं। यह आवास जिन्हें आवंटित किया गया है उनका नाम डॉक्टर प्रज्ञा यादव है और वे मुख्यमंत्री मोहन यादव की भतीजी हैं, यानी फूफा के मुख्यमंत्री बनते ही मैडम का घर चमकाने के लिए सरकारी अमला जी जान से जुटा हुआ है। विश्वविद्यालय परिसर के शहीद पार्क के सामने एक साथ 20 सरकारी आवास बने हुए हैं और सभी जर्जर हालत में है इन्हीं आवासों में से एक आवास का आवंटन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगस्त 2023 में डॉक्टर प्रज्ञा यादव को किया था लेकिन आवास की हालत जर्जर होने के चलते डॉक्टर प्रज्ञा यादव यहां नहीं रह रही हैं और उन्होंने शहर के ही गंज चौराहे के समीप एक मकान किराए पर लेकर वहीं रहना शुरू कर दिया लेकिन प्रदेश में तेजी से बदले राजनीतिक समीकरणों के बाद जैसे ही प्रदेश की कमान डॉक्टर मोहन यादव के हाथों आई उसके तत्काल बाद ही शासन प्रशासन को डॉक्टर प्रज्ञा यादव की सुख सुविधाओं की चिंता सताने लगी। आनन फानन में फाइल तैयार की गई और डॉक्टर प्रज्ञा यादव को जिस आवास का आवंटन किया गया था उसे चमकाने का काम शुरू कर दिया गया है, हालांकि इस मामले में ना तो विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ बोलने तैयार है और न ही जिम्मेदार अधिकारी ही कोई बयान दे रहे हैं। शुरुआती दौर में जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक हाउसिंग बोर्ड के द्वारा करीब 20 लख रुपए की लागत से इस आवास के कायाकल्प की योजना बनाई गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री रहने के दौरान हुई थी नियुक्ति
विश्वविद्यालय परिसर के शहीद पार्क के सामने बने कई मकानों को छोड़कर महज एक आवास की सूरत संवारने की कवायद पर कई लोग सवाल भी खड़े कर रहे हैं हालांकि लोगों का साफ़ तौर पर कहना है कि जब फूफा मुख्यमंत्री है तो भतीजी की सुख सुविधाओं का ख्याल तो अफसरों आएगा ही। जानकारी के मुताबिक डॉक्टर प्रज्ञा यादव की नियुक्ति डॉ. मोहन यादव के उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए हुई थी और उन्हें शहडोल के शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के तौर पर तैनाती दी गई है।
विश्वविद्यालय के इस जर्जर आवास के कायाकल्प में जुटे अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं हालांकि इतना जरूर बता रहे हैं कि उन्हें मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निर्देश दिए गए हैं जिसके बाद आवास के कायाकल्प का काम शुरू किया जा रहा है, उनके मुताबिक मार्च 2024 के पहले जर्जर आवास को सुख सुविधाओं के तमाम संसाधनों को लैस करने का काम पूरा कर लिया जाएगा।