नए साल में कोरोना की दहशत, देशभर में फैल रहा जेएन.1 वेरिएंट का संक्रमण, एक सप्ताह में 22 फीसदी बढ़े कोविड के मामले
अस्तालों में बढ़ी मरीजों की भीड़
नई दिल्ली। नए साल में कोरोना की दहशत बढ़ रही है। नए वेरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। देश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। स्थिति यह है कि पिछले सप्ताह की तुलना में दिसंबर के आखिरी सप्ताह में कोविड मामलों में 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों में सात महीनों में पहली बार मामलों की संख्या 800 को पार कर गई। आंकड़ों के अनुसार जेएन.1 की वजह से उछाल पूरे देश में फैल रहा है। जेएन.1 वेरिएंट संक्रमण पहले ही चरम पर पहुंच चुका है। केरल में, मौजूदा चरण में सबसे अधिक संख्या में मामले दर्ज किए जा रहे हैं। भारत में शनिवार (दिसंबर 24 से 30 तक) को समाप्त सप्ताह के दौरान 4,652 ताजा कोविड मामले दर्ज किए गए। जबकि पिछले सात दिनों में यह संख्या 3,818 थी। सप्ताह में वायरस से 17 से बढ़कर 29 मौतें हुईं। शनिवार को तीन मौतों के साथ, डेली मामलों की संख्या संख्या बढ़कर 841 हो गई, जो इस साल 18 मई के बाद से सबसे अधिक है। गौरतलब है कि केरल में सप्ताह के दौरान 2,282 नए मामले दर्ज किए गए।
हालांकि यह पिछले सप्ताह की तुलना में 24 फीसदी कम है। पिछले सप्ताह यह संख्या 3,018 थी। यह दर्शाता है कि राज्य में केस पहले ही पीक पर पहुंच चुके हैं। देश में दर्ज किए गए सभी मामलों में से 50 प्रतिशत से भी कम मामले राज्य में हैं, जबकि पिछले सप्ताह राज्य की हिस्सेदारी लगभग 80 प्रतिशत थी। जहां केरल में मामले कम हो रहे हैं, वहीं कई अन्य राज्यों, विशेष रूप से कर्नाटक और महाराष्ट्र में बढ़ रहे हैं। कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है जहां डेली मामलों की संख्या 100 से ऊपर हो गई है। कर्नाटक ने सप्ताह में 922 ताजा संक्रमण दर्ज किए, जो कि तीन गुना अधिक है। पिछले सात दिनों में 309 मामले सामने आए थे। इसी तरह, महाराष्ट्र में मामले पिछले सप्ताह के 103 से बढ़कर 620 हो गए।
पिछले सप्ताह में कोविड के मामले रिपोर्ट करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 20 थी, जो दिसंबर 15 की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। उस समय लगभग आठ-नौ राज्य थे। यह इंगित करता है कि नया ओमीक्रॉन सबवेरिएंट, जेएन.1, पूरे देश में फैल रहा था। जेएन.1 एक कोविड वायरस (उप वंश ओमीक्रॉन) है जो फ्लू जैसे सिंड्रोम का कारण बनता है। इसमें, बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, नाक बहना जैसे लक्षण शामिल हैं। ये लक्षण श्वसन वायरल संक्रमण का संकेत देते हैं। अगर लक्षण दो दिनों से अधिक समय तक बने रहते हैं या बुखार ज्यादा है, सांस लेने में कठिनाई हो रही है या काफी मात्रा में खांसी हो रही है। तो आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूर कराना चाहिए।