पिछली सुनवाई में कंपनी के वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि इस न्यायालय का क्षेत्राधिकार न होने पर आगामी स्तर पर तर्क करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि उनका क्लाइंट एक मल्टी नेशनल अमरीकी कंपनी है। ऐसे में भारत की अदालत उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई जूरिडिक्शन नहीं रखती है। इस पर भोपाल ग्रुप फोर इन्फोरमेशन एवं एक्शन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अवी सिंह ने आपत्ति जताई थी। सिंह ने कहा था कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 2012 में क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर फैसला किया था। इस प्रकार डाउ केमिकल को मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए।
39 साल में तामील हुआ समन
कंपनी को 39 सालों में कुल सात बार समन भेजा गया है। इसमें 7वां समन तामील हुआ। इसके बाद 39 साल पहली बार कंपनी की ओर से कोई प्रतिनिधि कोर्ट में पक्ष रखने उपस्थित हुआ था। ये मामला अमरीकी संसद में भी उठ चुका है। इतना ही नहीं इस कंपनी को भारत से भगोड़ा घोषित किया गया है।