महामृत्युंजय शिव रथ खींचकर भक्तों ने लिया पुण्य लाभ, 5100 बातियों और घंटे-घड़ियाल के साथ हुई महाआरती
रथयात्रा पहुंची नाव घाट
यहां से रथयात्रा धामनोद-मंडलेश्वर मार्ग पर निकल पड़ी। जय स्तम्भ चौराहे, महात्मा गांधी मार्ग, बाजार चौक और नर्मदा मार्ग पर रास्ते के दोनों ओर भक्तों ने मंचों से पुष्प वर्षा कर भगवान महामृत्युंजय का अभिवादन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। नगर भ्रमण के बाद शाम करीब 7.30 बजे रथयात्रा सजे-धजे पुण्यसलिला नर्मदा तट स्थित नाव घाट पहुंची। यहां बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों ने यात्रा की गर्मजोशी से अगवानी की, गगनभेदी जयकारों से नर्मदा तट शिवमय हो उठा।
महाआरती में हजारों भक्त
भगवान महामृत्युंजय के पूजन-अर्चन के बाद 5100 बातियों को आलोकित कर महाआरती की शुरुआत हुई। हजारों आलोकित बातियों और घंटे-घड़ियालों के महाघोष के साथ महाआरती के सुरों से नर्मदा तट पर अद्भुत दृश्य निर्मित हो गया। इस दृश्य को निहारने और महाआरती में शामिल नोने के लिए महेश्वर के अलावा इंदौर, महू, खरगोन, बड़वानी, सेंधवा, खंडवा से हजारों की संख्या में शिवभक्त पहुंचे।
राजनेता भी शामिल
महेश्वर विधायक राजकुमार मेव ने रथयात्रा में शामिल होकर रथ खींचा। इंदौर से आई भजन मंडली ने विधायक मेव का शाल-श्रीफल से स्वागत किया। इसके अलावा भाजपा महेश्वर मंडल अध्यक्ष विक्रम पटेल और नगर कांग्रेस अध्यक्ष शरद श्रीमाली सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता रथयात्रा में शामिल हुए। व्यापारिक संस्थानों ने बाहर से आए भक्तों की सेवा करने करने के उद्देश्य से खाद्य सामग्री के निशुल्क स्टाल लगाए। द्वारकाधीश महाजन ने केसरिया दूध की व्यवस्था की।
रथयात्रा का यह 18वां वर्ष
भगवान महामृत्युंजय शिव रथयात्रा का यह 18वां वर्ष है। हर वर्ष मकर संक्रांति से पहले रविवार को महेश्वर में यह भव्य आयोजन किया जाता है। उज्जैन में महाकाल की सवारी की तरह भगवान महामृत्युंजय शिव महेश्वर वासियों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं। यात्रा के प्रति लोगों का उत्साह साल दर साल बढ़ता जा रहा है। यह हर साल रथयात्रा में बढ़ती भक्तों की सहभागिता स्वयं बताती है।