मालदीव की पार्टी द डेमोक्रेट्स के सदस्य अली अजीम ने मांग की है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु को सत्ता से हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। अली अजीम ने मालदीव की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी एमडीपी से मांग की है कि वह मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं। एक अन्य नेता ने मालदीव के विदेश मंत्री को भी समन भेजकर संसद में बुलाने की मांग की है क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री और विपक्षी पार्टी एमडीपी की नेता मारिया अहमद दीदी ने भी सत्ताधारी पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ‘भारत, मालदीव का जांचा-परखा दोस्त है और संकट के समय भारत ही है, जो सबसे पहले मालदीव की मदद के लिए आता है।’ उन्होंने कहा कि ‘हमारी हमेशा से इंडिया फर्स्ट की नीति रही है, लेकिन मौजूदा सरकार भारत से मालदीव के रिश्तों को तबाह कर रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘कोरोना महामारी, 2004 में आई सुनामी के समय भी भारत ने ही सबसे पहले मालदीव की मदद की थी।’
‘मालदीव की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बड़ा असर’
एक अन्य विपक्षी नेता अहमद माहलूफ ने मालदीव सरकार को चेताया है कि भारत के साथ जारी तनाव के चलते अगर भारतीय पर्यटक मालदीव का बहिष्कार करते रहेंगे तो इसका मालदीव की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रभाव इतना बड़ा होगा कि इससे उबरना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल मालदीव के नेताओं के पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी से हुए विवाद के चलते हाल के दिनों में बड़ी संख्या में पर्यटकों ने मालदीव का दौरा रद्द कर दिया है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भी सरकार की आलोचना की।