लोकसभा अध्यक्ष बिरला बोले-श्रेष्ठ विधायक वहीं बन सकता है, जो पूरे समय सदन की प्रक्रिया में शामिल रहें

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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों का दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम मंगलवार को विधानसभा के मानसरोवर सभागार में शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं सभी विधायकों को बधाई देता हूं, जिनको जनता ने अपेक्षाओं से चुना है। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि आप जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की विधानसभा का इतिहास गौरवशाली रहा है। डॉ. बाबा साहब अंबेडकर कि यह जनमस्थली है। झांसी की रानी, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल सभा, अटल बिहारी वाजपेयी इसी धरती से आते है। आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि आप जनता की अपेक्षाएं पूरी करें।
ओम बिरला ने कहा कि जब हम लोकतंत्र हमारे विचारों और कार्यप्रणाली में है। हमारी आजादी के आंदोलन ने दुनिया को प्रेरणा दी। इसलिए हम कहते है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। पंचायत से लेकर संसद तक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चलना हमारे लोकतंत्र की ताकत है। कानून बनाने के लिए तर्कों से चर्चा करें तो बेहतर कानून बनेगा। ओम बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल में विधायक तैयारी से प्रश्न पूछेंगे तो मंत्री को भी तैयारी से आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सवाल ज्यादा लंबा ना पूछे। न्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कानून सही है तो विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। यदि सही नहीं है तो चर्चा करना चाहिए। उन्होंने विधायकों से कहा कि श्रेष्ठ विधायक वहीं बन सकता है, जो पूरे समय सदन की प्रक्रिया में शामिल रहें।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकसभा स्पीकर के रूप में ओम बिरला जी हमारे बीच उपस्थित है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर के रूप में सदन का व्यवस्थित संचालन किया। लोकसभा स्पीकर हम सभी को मार्गदर्शन देंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज हम सबके लिए प्रसन्नता का क्षण है। शुरुआत में चार दिन का सत्र था, उस समय जब हम बैठे तो हमें लगा कि जल्द ही प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए । इसके लिए जरूरी था कि लोकसभा सचिवालय का सहयोग हमको मिले। हम सब निर्वाचित होकर विधानसभा में आये है। एक अच्छा विधायक बनना भी जरूरी है। क्षेत्र की जानता की समस्या आपको सुलझानी होती है। अपने कृतित्व को अनुशासित करने की और नियमों में बांधने की जरूरत है। एमपी की विधानसभा में सदन की महिमा आपसे बढ़ेगी। सामान्य तौर पर पहले सदस्य प्रोत्साहित हो , उसके लिए पुरस्कार की प्रक्रिया थी, लेकिन बीच बीच में वो कुछ कारणों से ऊपर नीचे होती रही। जोश पूरी तरह होश के साथ नियंत्रित हो। बोलते समय ग़ुस्सा दिखे लेकिन ग़ुस्सा आना नहीं चाहिए। इससे पहले सभी विधायकों का सामूहिक फोटो सेशन हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा प्रबोधन का अर्थ यह है कि प्रशिक्षण के पहले हम उस विषय में डूब जाएं। हमारे आचरण में व्यवहार में ज्ञान में एवं अपने सूक्ष्म शरीर, बाह्य शरीर का एकाकार करने का जो भाव, अगर हम धारण करते हैं तो इसका मतलब प्रबोधन का है। मुख्यमंत्री ने कहा माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार लोकतंत्र के मंदिर संसद की चौखट पर अपना सिर झुका कर जो अहसास हमें कराया है उससे बड़ा प्रबोधन आज के लोकतंत्र का नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा लोकसभा हो या विधान सभा हम एक बड़ी आबादी के माध्यम से लगभग 3 लाख या 2.50 लाख मतदाताओं का मान, सम्मान, भाव एवं विश्वास लेकर विधानसभा में आते हैं। विधानसभा में आने के बाद निश्चित रूप से हम सब दोहरे रूप में रहते हैं। हमारी विधानसभा का दायित्व तो हम पर है ही साथ ही साथ प्रदेश की बेहतरी का दायित्व भी हम पर होता है, जब हम विधानसभा में प्रवेश करते हैं तब यह विधानसभा जीवन में कई नए पाठ सीखने के लिए पाठशाला की तरह काम आती है। और इस पाठ शाला के पाठ में हर सत्र हमारे लिए जीवन का नया पाठ बने यही आकांक्षा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एलएलए रेस्ट हाउस के लिए नया प्रस्ताव बनाकर विधायकों को सुविधा देने का काम करेंगे।

मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कहा कि विधानसभा का अवमूल्यन हुआ है। पहले विधानसभा का एक डर था। पहले विधायकों के प्रश्न से अधिकारी डरते थे। आजकल विधायकों को मिलने वाले प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं होता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर काफी अनुभवी है। मुझे आशा है कि आने वाले समय में हर विधायकों को मौका मिलेगा, मुद्दों पर बात होगी। विधायक कुछ सीखेंगे यही आशा है। सिंगार ने कहा कहा कि हमें सामूहिक रूप से विधायकों को साथ देना चाहिए।

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