नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने असॉल्ट राइफल उग्रम को लांच कर दिया है। ये उग्रम राइफल 7.62 गुना 51 मिमी कैलिबर की एक अत्याधुनिक, स्वदेशी असॉल्ट राइफल है, जो डीआरडीओ की पुणे स्थित प्रयोगशाला, आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई) ने हैदराबाद स्थित डीवीपा आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मदद से विकसित और निर्मित हुई है। ये जानकारी डीआरडीओ के अधिकारियों ने सोमवार को दी है। अधिकारियों के मुताबिक इस हथियार को भारतीय सेना की चार किलोग्राम से कम वजन वाली राइफल की जीएसक्यूआर (जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट) को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। असॉल्ट राइफल के प्रोटोटाइप का अनावरण एआरडीई के निदेशक ए. राजू की उपस्थिति में महानिदेशक (आर्ममेंट एंड कॉम्बैट इंजीनियरिंग क्लस्टर) डॉ. एसवी गाडे ने किया। राजू ने कहा कि यह डीआरडीओ और एआरडीई के लिए एक यादगार क्षण है। एक विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया है, हम पिछले दो-तीन वर्षों से असॉल्ट राइफल के डिजाइन पर काम कर रहे हैं और डीवीपा आर्मर इंडिया लिमिटेड की मदद से हम रिकॉर्ड समय में इस उत्पाद को तैयार कर सके। बताया जा रहा है कि यह हथियार पूरी तरह से स्वदेशी है और समान क्षमता वाले हथियारों के अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाता है। इस असॉल्ट राइफल उग्रम की खासियत है कि ये सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस इकाइयों के लिए डिजाइन की गई है। यह 500 मीटर रैंज की मारक क्षमता वाली राइफल है। इसमें 20 राउंड मैगजीन लोड हो सकता है। सिंगल औप फुल ऑटो दोनों मोड में फायर करने में सक्षम है, तथा भारतीय सेना के जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट को ध्याम में रखकर हुई तैयार की गई है।
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