बिसरख में लंकापति रावण के इस मंदिर में भगवान शिव, पार्वती और कुबेर की मूर्तियां भी हैं। रावण मंदिर के पुजारी महंत रामदास ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मंदिर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी जोरों पर हैं।
मंदिर में 14 जनवरी से धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो जाएगा। इसमें अखंड रामायण से लेकर सुंदरकांड व अन्य अनुष्ठान किए जाएंगे। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद इस खुशी में मिठाई भी वितरित करेंगे।
महंत ने कहा कि इस आयोजन को लेकर गांव का हर एक व्यक्ति उत्साहित है और रावण की जन्म स्थली बिसरख में जन्म पाकर अपने आप को धन्य मानता है। उन्होंने कहा कि अगर रावण नहीं होता, तो राम नहीं होते।