जबलपुर । हेलमेट चेकिंग के दौरान एक शासकीय कॉलेज के प्रोफेसर को रोकने पर भारी बवाल मच गया। सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने प्रोफेसर के साथ थाने पहुंचकर नारे लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इस संबंध में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट में पदस्थ सुनील सिंह बताया कि आज 15 जनवरी को सोमवार के वक्त सुबह वे किसी कार्य से कॉलेज से रांझी की तरफ जा रहे थे। तभी पुलिस वालों ने हेलमेट एवं गाड़ी में नंबर ना होने की बात कह कर रोक दिया। जिस पर उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी गाड़ी इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल है। उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 88 के तहत 250 वाट के अंदर की इलेक्ट्रॉनिक गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। इसलिए इन गाडिय़ों में हेलमेट लगाना भी अनिवार्य नहीं होता है। प्रोफेसर ने पुलिस वालों को बताया कि ऐसा सब नियम में लिखा है। जिस पर पुलिस वालों ने उन्हें थोड़ी देर खड़ा रखा। प्रोफेसर के मुताबिक उन्होंने जब पुलिस वालों से जाने के लिए कहा तो रांझी थाने में पदस्थ एसआई ही से उनकी बहस हो गई। और पुलिस वालों ने उनका फोन जब्त करते हुए उन्हें लगभग 2 घंटे के लिए थाने के अंदर बंद कर दिया।
पुलिस कर्मचारियों को हटाने की मांग
प्रोफेसर ने बताया कि उन्होंने छात्रों के साथ थाने पहुंचकर पुलिस से यह मांग की है कि ऐसे पुलिस कर्मचारियों को शहर से कहीं और स्थानांतरित किया जाए। क्योंकि इन्हें मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जानकारी नहीं है। और आए दिन उनके जैसे लोगों को बेवजह परेशान करते हैं। प्रोफेसर सुनील सिंह ने कहा कि 250 वाट के अंदर की इलेक्ट्रॉनिक गाडिय़ां 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक नहीं चलती है। वहीं केंद्र सरकार भी इलेक्ट्रॉनिक व्हेकिलों को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में जब पुलिस प्रशासन ही जनता के साथ ऐसा करेगी तो इलेक्ट्रॉनिक गाडिय़ों को बढ़ावा कहां से मिलेगा। हालांकि बाद में पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद मामला शांत हो गया।
इन्होंने कहा
वाहन चेकिंग के दौरान हेलमेट न पाए जाने पर एक्टिवा सवार प्रो. सुनील सिंह को रोका गया। जो पुलिस कर्मचारियों से बहस करने लगे। बाद में उन्हें जाने दिया गया। इसके बाद वे इंजी कालेज के छात्रों के साथ थाने पहुंचे। मोबाईल छीनने वाली कोई बात नहीं है। मामले की जांच की जा रही है।
नीलेश दोहरे, रांझी थाना प्रभारी