एक बात आपने जरूर देखी होगी कि जब भी कोई मरीज अस्पताल जाता है, तब डॉक्टर सबसे पहले उसकी जीभ देखते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, डॉक्टर सबसे जीभ निकलाकर देखते क्यों हैं? इस बारे में डॉक्टर ने बताया कि, ये सच है कि मरीज का इलाज करने से पहले डॉक्टर उसकी जीभ को देखते हैं। क्योंकि जीभ में होने वाले बदलाव कई गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करते हैं। इन रंगों में कैंसर और डायबिटीज जैसी भी कई बीमारियों के लक्षण छुपे हो सकते हैं।
डॉक्टर बताते हैं कि, लोगों को जीभ पर कभी-कभी ऐसा लगता है कि बाल या फर जैसी कोई चीज चिपक गई है। यह देखने में सफेद, काला या ब्राउन भी हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति के साथ ऐसा है, तब यह अच्छा नहीं है। माना जाता है कि, ऐसा तब होता है जब प्रोटीन जीभ पर मौजूद कुदरती गांठों को धारीदार हेयरलाइन में बदल देता है। इसमें बैक्टीरिया फंस सकते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
डॉक्टर के मुताबिक, कुछ लोगों की जीभ का रंग काला पड़ने लगता है। ऐसा तभी होता है जब आपने एंटासिड टैबलेट लिया है। एंटासिड में बिस्मथ रहता है जो थूक के साथ जीभ की उपरी परत में फंस जाता है। आमतौर पर यह कोई गंभीर या चिंताजनक स्थिति नहीं है और मुंह की सफाई रखने से अक्सर ठीक हो जाती है। हालांकि डायबिटीज के कुछ रोगियों में जीभ का रंग काला हो जाने की समस्या हो सकती है। डॉक्टर बताते हैं कि जब जीभ का रंग गुलाबी से हटकर सुर्ख लाल हो जाए यह चिंता का कारण हो सकता है। यह कावासाकी बीमारी हो सकती है। इसके अलावा विटामिन 3 की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है। बच्चों में होने वाले कावासाकी रोग में भी जीभ लाल रंग की हो जाती है। इसके अलावा स्कार्लेट फीवर की स्थिति में जीभ का रंग सुर्ख लाल हो सकता है।
डॉक्टर बताते हैं कि, जीभ में जलन होना भी मेडिकल की भाषा में ठीक नहीं माना जाता है। हालांकि, वैसे ज्यादातर लोगों में ये एसिडिटी के कारण होती है, लेकिन कभी-कभी तंत्रिका संबंधी गड़बड़ियों के कारण भी जीभ में जलन होने लगती है। इसलिए इस परेशानी को इग्नोर नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर की मानें तब जीभ पर घाव निकलना भी ठीक नहीं माना जाता है। कई लोगों में देखने को मिलता है कि जीभ पर घाव निकल आता है, जोकि कई दिनों तक ठीक ही नहीं होता है। इस स्थिति में भोजन खाना दूर पानी तक नहीं पीया जाता है। यदि किसी के साथ ऐसा होता है, तब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। दरअसल ये संकेत कैंसर के भी हो सकते हैं।
डॉक्टर के मुताबिक, जीभ पर सफेद धब्बे या कोटिंग जैसी बनावट यीष्ट इंफेक्शन की ओर इशारा करती है। हालांकि, ये बदलाव बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखने को मिल सकता है। इसके अलावा जीभ पर सफेद कोटिंग ल्यूकोप्लाकिया के कारण भी हो सकता है। यह दिक्कत तंबाकू का सेवन करने वालों में अधिक देखी जाती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, जीभ पर सफेद रंग की हल्की से कोटिंग है, तब यह जीभ के स्वस्थ होने का साइन है।
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