ED Raid: दिल्ली में 10 से ज्यादा ठिकानों पर छापा, सीएम केजरीवाल के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के यहां छापेमारी

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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं सहित करीब 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। जिनके यहां छापामारी हुई है उसमें नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएस विभव कुमार और सांसद एनडी गुप्ता शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के पीएस बिभव और सांसद एनडी गुप्ता के यहां मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े किसी मामले में छापेमारी की गई है। नई दिल्ली,प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम लगातार एक्शन में है। ताजा मामले में आज मंगलवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव और आम आदमी पार्टी से जुड़े कुछ अन्य लोगों के परिसरों की तलाशी ली हैं। अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर पर ईडी छापेमारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े किसी मामले में ईडी ने ये एक्शन लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार और आम आदमी पार्टी से जुड़े अन्य लोगों के ठिकानों की छापेमारी की है. उन्होंने बताया कि दिल्ली के करीब 12 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। खबरों के मुताबिक, केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार और दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार के अलावा कुछ अन्य नेताओं के ठिकानों पर ईडी की रेड चल रही है। केंद्रीय एजेंसी दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच कर रही है. सीबीआई और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की एफआईआर के आधार पर ईडी के कार्रवाई कर रही है। सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मीटरों की आपूर्ति, उन्हें लगाने, टेस्टिंग और कमीशनिंग के लिए टेडंर देते समय एक कंपनी को लाभ पहुंचाया।

डीजेबी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल की रिमांड बढ़ी
दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार डीजेबी के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल की ईडी हिरासत अगले पांच दिनों के लिए बढ़ा दी गई। मामले की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में हुई।

जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को दिल्ली जल बोर्ड को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया। उन्हें पांच दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद पेश किया गया था। ईडी ने दोनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने दोनों की पांच दिनों के लिए रिमांड बढ़ा दी।

जल बोर्ड में भाजपा ने लगाया था घोटाले का आरोप
बीते साल 18 नवंबर 2023 को केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली जल बोर्ड में 3,237 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया था। उन्होंने जल बोर्ड के बैंक खातों की स्टेटमेंट व वित्तीय रिपोर्ट का जिक्र भी किया था और कहा था कि वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच बोर्ड के वित्तीय खर्च के बारे में कई जानकारियां छिपाई गईं हैं। वर्ष 2017-18 के बाद से बोर्ड के खातों की डिटेल डिक्लरेशन भी सही ढंग से नहीं की गई। बोर्ड में इसी तरह के कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं हैं।
उन्होंने बताया था कि बोर्ड ने अपने 450 से अधिक बैंक खातों में से लगभग 110 को बैलेंस शीट में दिखाया ही नहीं है। इनमें 77 खातों में लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशि पड़ी हुई है। कई खातों के आगे शून्य दिखाया गया है जबकि उनमें करोड़ों रुपये पड़े हैं। बोर्ड के हिसाब-किताब में लगभग 300 करोड़ रुपये के लेन-देन की जानकारी ही नहीं है। बोर्ड की 2018 की वित्तीय रिपोर्ट में 1,167 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब ही नहीं है।
बैंक एडजस्टमेंट के नाम पर लगभग लगभग 117 करोड़ रुपये की एंट्री दिखाई गई है, जो कहीं से भी जायज नहीं लग रही है। लगभग 135 करोड़ रुपये की एफडी प्रमाणपत्रों की जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। बोर्ड की वित्तीय स्टेटमेंट में खर्च नहीं होने वाली राशि में लगभग 1,601 करोड़ रुपये दिखाए गए हैं, जबकि बोर्ड के खातों में यह राशि कहीं दिख नहीं रही है।

भाजपा ने उठाए थे सवाल

भाजपा ने कहा था कि ऐसे में सवाल उठता है कि जब पैसा खर्च ही नहीं हुआ, तो पैसा खातों में क्यों नहीं है। लगभग 600 करोड़ रुपये के काम के लिए 12 हजार वर्क आर्डर निकालकर काम सौंपा भी गया। इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से वाटर टैंकर का भुगतान किया गया, जिससे प्रोजेक्ट कॉस्ट 35 प्रतिशत बढ़ गई। बोर्ड ने टैंकर से वाटर सप्लाई के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये बढ़ाकर भुगतान किया गया, जबकि इस मद में 637 करोड़ रुपये का ही भुगतान करना था।
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