कांग्रेस प्रवक्ता के बयान को लेकर कमलनाथ ने कहा कि जितेंद्र ने उसे शोकॉज नोटिस दिया है। उससे स्पष्टीकरण मांगा है। कमलनाथ ने अध्यक्ष पद से हटाए जाने के सवाल के जवाब देते हुए कहा कि मैंने पांच दिसंबर को अपना इस्तीफा दे दिया था। मैंने इस्तीफा दिया, मुझे बाहर नहीं किया गया। मुझसे पूछा गया था कि किसे अध्यक्ष बनाना है, मैंने अपने नाम बता दिए थे। उन्होंने चुनावों में अपनी भूमिका पर कहा कि ‘मैं हमेशा की तरह प्रचार करूंगा।’
नकुल नाथ ने की थी अपनी उम्मीदवारी की घोषणा
एक दिन पहले ही छिंदवाड़ा से कांग्रेस सांसद नकुल नाथ ने सार्वजनिक मंच से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। नकुलनाथ ने सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनावों में गुटबाजी होती है क्योंकि बहुत सारे उम्मीदवार होते हैं लेकिन लोकसभा चुनाव अलग होते हैं। लोकसभा चुनावों में कोई गुटबाजी नहीं होती है। केवल एक ही उम्मीदवार होता है। मैं आपका उम्मीदवार बनूंगा। पिता-पुत्र में से कौन चुनाव लड़ेगा, इन पर लग रही अटकलों को विराम देते हुए नकुल ने कहा कि कमलनाथ जी का समर्थन और मार्गदर्शन मिलेगा। आपने 42 वर्षों तक नाथ परिवार को समर्थऩ, प्यार औऱ आशीर्वाद दिया है। मुझे उम्मीद है कि आप भविष्य में भी अपना समर्थन और प्यार देते रहेंगे। यह बात अलग है कि नवंबर 2023 में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की अधिकृत घोषणा से पहले ही नकुलनाथ ने अपने लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक कर दिए थे। बाद में कांग्रेस की सूची में उनके नाम शामिल किए गए।
छिंदवाड़ा क्यों है कांग्रेस के लिए अहम
छिंदवाड़ा से कमलनाथ नौ बार सांसद रहे हैं। 2019 में कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। इस वजह से उनकी जगह उनके बेटे नकुलनाथ ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह जीते भी। मध्य प्रदेश की 29 में से सिर्फ एक सीट कांग्रेस को मिली थी और वह थी छिंदवाड़ा की सीट। दिसंबर 2023 में हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी जब भाजपा की लहर थी, तब कमलनाथ अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहे थे। छिंदवाड़ा में एक भी विधानसभा सीट भाजपा नहीं जीत सकी है। 230 सदस्यों वाले सदन में भाजपा ने 163 सीटें जीती और कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटों पर जीत मिली है।