राम मंदिर: घट सकता है दर्शन करने का समय, चंपत राय बोले- पांच साल के बालक को 15-15 घंटे जगाना उचित नहीं
चंपत राय ने एक बयान के अनुसार, लोगों का मत है कि पांच साल के बालक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान राम को बीच-बीच में अच्छी तरह विश्राम की भी आवश्यकता है। श्रद्धालुओं का भारी दबाव घटाने के लिए 24 जनवरी के बाद से देवस्थान में हर रोज 15 घंटे दर्शन की व्यवस्था चल रही है। जरा सोचिए कि भगवान के बालक रूप को 15 घंटे जगाना कितना व्यावहारिक है?
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने भी चंपत राय की बातों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रामलला पांच वर्ष के बालक के रूप में विराजमान हैं। लगातार 15 घंटे तक दर्शन दे रहे हैं। उन्हें विश्राम नहीं मिल रहा है। यह शास्त्रोक्त तरीके से भी उचित नहीं है। रामलला को कम से कम दोपहर में एक से दो घंटे विश्राम की जरूरत है। ट्रस्ट से बात कर यह व्यवस्था जल्द कराई जाएगी। जल्द ही मंदिर में दर्शन के घंटे कुछ कम किए जा सकते हैं।