MP News: मोहन सरकार का 1 लाख 45 हजार करोड़ का अंतरिम बजट पेश, किसानों कर्मचारियों व महिलाओं के लिए खोला खजाना
द्वितीय अनुपूरक अनुमान में सम्मिलित नवीन योजनाओं के लिए प्रावधान है। लेखानुदान की अवधि समाप्त होने के पूर्व अनुदान की पुनरीक्षित मांगें सदन के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। लेखानुदान चार माह (एक अप्रैल से 31 जुलाई, 2024) के लिए है। वित्तीय वर्ष के लिए बजट में सम्मिलित राशि 3,48,986.57 करोड़ है।
वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान में कुल राजस्व प्राप्तियां राशि रुपये 2,52,268.03 करोड़ है। इसमें राज्य कर से राजस्व प्राप्तियां रुपये 96,553.30 करोड़ है। गैर कर राजस्व प्राप्तियां रुपये 18,077.33 करोड़ है। बजट अनुमान में राजस्व व्यय रुपये 2,51,825.13 करोड़ है। वर्ष 2023-24 में पुनरीक्षित अनुमान में राजस्व व्यय रुपये 2,31,112.34 करोड़ है।
पांच पर्यटन केंद्रों पर हेलीकॉप्टर चलाने की तैयारी
बजट में कृषि विभाग के लिए किसानों को ब्याज रहित ऋण देने समेत अन्य योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग के लिए 9588 करोड़ का प्रावधान किया गया है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादन पर प्रतिलीटर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कृषक मित्र योजना में किसानों को विद्युत पंप के लिए अनुदान दिया जाएगा महिला बाल विकास को लाडली बहना योजना समेत अन्य योजना के लिए 9360 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अंतरिम बजट में सरकार ने पांच पर्यटन केंद्रों तक हेलीकॉप्टर चलाने और एयर एंबुलेंस की तैयारी भी की है। बजट में लोकनिर्माण विभाग के लिए 4098 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। ताकि औद्योगिक कॉरिडोर निर्माण और एकसप्रेस वे को गति दी जा सके।
सभी जिलों में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस स्कूल की स्थापना
अंतरिम बजट में मोहन सरकार ने सभी जिलों में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस स्कूल की स्थापना, 23 जिलों में प्रधानमंत्री जनमन योजना को जमीन पर उतारने के लिए अनुसूचित जनजाति विभाग के लिए 7500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। अंतरिम बजट में शहरी और ग्रामीण विकास को समान प्राथमिकता में रखा गया है। शहरी विकास के लिए 6143 और गांव के विकास के लिए 6314 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बजट में विभाग के अनुसार राशि
कृषि विभाग- 9588 करोड़।
महिला बाल विकास – 9360 करोड़।
नगरीय विकास विभाग- 6143 करोड़
जलसंसाधन विभाग- 3073 करोड़।
लोक निर्माण विभाग- 4097 करोड़
पीएचई- 4083 करोड़
उच्च शिक्षा विभाग- 1520 करोड़
तकनीकी शिक्षा विभाग-1074 करोड़
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग-960 करोड़
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग-374 करोड़
आदिवासी जनजातीय विभाग-5027 करोड़
अनुसूचित जाति विभाग-870 करोड़
ओबीसी एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग- 574 करोड़
सामाजिक न्याय विभाग- 1840 करोड़
स्कूल शिक्षा विभाग- 11674 करोड़
स्वास्थ्य विभाग- 5417 करोड़
पंचायत विभाग – 4228 करोड़
जनसंपर्क विभाग- 289 करोड़
चिकित्सा शिक्षा -1228 करोड़
सहकारिता विभाग- 443 करोड़
ऊर्जा विभाग- 4059 करोड़
गृह विभाग- 4274 करोड़
श्रम विभाग-391 करोड़