नई दिल्ली। राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले 5 हजार लोगों को नोटिस थमा दिए हैं। इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे 5000 लोगों को नोटिस भेजे हैं, जिन्होंने चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड लेकिन गैर मान्यता प्राप्त दलों को चंदा दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इनकम टैक्स विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान इस तरह का दान देने वाले व्यक्तिगत कर दाताओं और कॉरपोरेट टैक्सपेयर्स को नोटिस थमाया है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ऐसे राजनीतिक दल जो आयोग में सिर्फ पंजीकृत होते हैं लेकिन मान्यता प्राप्त नहीं होते हैं, सिर्फ लोगों से चंदा वसूली कर मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के खेल में शामिल होते हैं।
ऐसे दलों को चंदा देने वालों को इनकम टैक्स विभाग ने आयकर अधिनियम के तहत नोटिस भेजा है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दो वित्त वर्षों की छानबीन के बाद अभी तक सिर्फ 5000 लोगों को ही नोटिस भेजा गया है। बता दें कि आयकर अधिनियम के नियमों के मुताबिक, चुनाव आयोग से पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले करदाता दान की गई रकम पर 100 फीसदी आयकर छूट का दावा कर सकते हैं। गैर मान्यता प्राप्त दल उन्हें कहते हैं जो दल चुनाव आयोग में पंजीकृत तो हैं लेकिन या तो कोई चुनाव नहीं लड़ते या फिर उन्हें चुनावों में क्वालिफाइंग वोट नहीं मिलते। अभी और लोगों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है। वित्त वर्ष 2022-23 में ऐसे दलों को चंदा देने वालों की स्क्रूटनी अभी नहीं हुई है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, इन करदाताओं ने ऐसे करीब 20 राजनीतिक दलों को चंदा दिए हैं, जो चुनाव आयोग से सिर्फ पंजीकृत हैं मान्यता प्राप्त दल नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ दानदाताओं के चंदा और उनकी आय में मिलान सही नहीं पाया गया। आयकर के अधिकारियों को संदेह है कि टैक्स छूट लेने के लिए ही ऐसे चंदा दिए गए और दान की गई रकम नकद वापस ले ली गई। एक अधिकारी के मुताबिक, ऐसे दान कुल आय के अनुरूप नहीं थे। कुछ मामलों में तो दान दाताओं ने अपनी कुल आय का 80 फीसदी रकम ऐसे राजनीतिक दलों को दान कर दिया जो गैर मान्यता प्राप्त हैं।
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