अयोध्या । अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ से पहले पटाखों का भी एक बहुत बड़ा बाजार 22 जनवरी के लिए सज कर तैयार हो गया है। देशभर में पटाखे बनाने के लिए मशहूर शिवकाशी फायरवर्क्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के मुताबिक दीपावली के बराबर का बाजार सिर्फ 22 जनवरी के लिए तैयार हुआ है। अभी तक की तैयारी के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ वाले दिन तक तकरीबन 250 करोड रुपये से ज्यादा का पटाखों का बाजार तैयार है। जबकि देश के अलग-अलग हिस्सों में तैयार होने वाले पटाखों के बाजार को भी जोड़ा जाए, तो यह आंकड़ा 400 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो रहा है। ऑल इंडिया फायरवर्क ट्रेडर्स एसोसिएशन के मुताबिक 22 जनवरी को दीपावली से कम का बाजार नहीं बना है।
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के शुभारंभ पर एक बार फिर से दीपावली मनाने की पूरे देश ने तैयारियां की हैं। इसके लिए बाकायदा बाजार में पटाखे की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। देशभर के अलग-अलग हिस्सों में पटाखे बनाने के लिए न सिर्फ लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं, बल्कि सभी प्रमुख राज्यों के शहर और राजधानी में उनकी बिक्री भी तेज हो गई है। शिवकाशी फायरवर्क्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर की तैयारी के साथ-साथ पटाखों कीए मांग भी तेजी से बढ़ी है।
संगठन के संजय मुरूगन कहते हैं कि बीते कुछ समय से दीपावली का बाजार पटाखों पर प्रतिबंध के चलते ठंडा ही रहा है। उनका कहना है कि एक समय यह बाजार 700 से 900 करोड़ रुपये का सिर्फ दीपावली के ही वक्त हो जाता था। लेकिन घटती मांग के चलते यह बाजार 400 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया। लेकिन राम मंदिर के शुभारंभ को लेकर एक बार फिर से दिवाली की रौनक वापस लौट आई है।
उनका कहना है कि अनुमान के मुताबिक 20 जनवरी तक पूरे देश में सिर्फ उनके संगठन से ताल्लुक रखने वाले निर्माताओं का ही 200 से 250 करोड़ रुपये का बाजार अनुमानित है। जबकि 150 करोड़ रुपये का बाजार देश के अलग-अलग राज्यों में निर्मित होने वाले पटाखों का भी माना जा रहा है। इंडियन फायरवर्क्स संगठन के सचिव अनूप जायसवाल बताते हैं कि राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह बना हुआ है। इसी उत्साह में एक बार फिर से देश में दीपावली मनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं।
संगठन से जुड़े हुए निर्माता के पास जिस तरीके से 22 जनवरी को लेकर पटाखों की डिमांड बढ़ी है, उसे देख कर यह कहा जा सकता है की दीपावली के बराबर ही 22 जनवरी को आतिशबाजी होने का अनुमान है। अनूप कहते हैं कि नॉर्थ इंडिया में पटाखों की मैन्युफैक्चरिंग करने वालों को उत्तरी भारत समेत पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्व में सौ से डेढ़ करोड़ रुपये के पटाखों की बिक्री अनुमान है। जबकि दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों खासतौर से तमिलनाडु के शिवकाशी मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के आंकड़े उत्तर भारत से ज्यादा हैं।
अखिल भारतीय व्यापार मंडल से ताल्लुक रखने वाले मनमोहन गुप्ता बताते हैं कि सिर्फ पटाखों का ही नहीं, बल्कि दीपावली पर रोशन होने वाले अन्य उत्पादों का भी बाजार लगातार बढ़ रहा है। राष्ट्रीय सचिव मनमोहन गुप्ता कहते हैं कि पूरे देश में पटाखों के साथ-साथ झालरों इत्यादि का भी बहुत बड़ा बाजार करीब 15000 करोड़ रुपये का खड़ा हुआ है। इसमें झालरों से लेकर बिजली के सभी उत्पाद शामिल हैं।