वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह के पास शार्ट-सर्किट हुआ और आग लगने से हड़कंप मच गया। मंदिर में मौजूद भक्त आग को देखकर इधर-उधर भागने लगे। हालांकि, सेवादारों और पुलिसकर्मियों की सजगता से किसी को आग से कोई हानि नहीं हुई। मंदिर में आग लगने की घटना के बाद सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने सभी द्वार से श्रद्धालुओं को हटा दिया।
बिजलीकर्मियों ने मंदिर में लगे केबल की जांच की। जांच में गर्भगृह के दक्षिणी प्रवेश द्वार से बिजली के केबल में फाल्ट पाया। मंदिर के एसडीएम शंभु कुमार ने बताया कि गर्भगृह में काफी पुराने तारों से बिजली आपूर्ति हो रही है। बारिश से स्पार्किंग और शार्ट-सर्किट हुआ। इससे दक्षिणी द्वार से थोड़े समय के लिए दर्शन-पूजन बाधित रहा। किसी प्रकार की कोई हानि नहीं हुई है।
दक्षिणी प्रवेश द्वार की तरफ हुई आगलगी की घटना के बाद मंदिर प्रशासन सतर्क हो गया। पूरे दिन मंदिर परिसर का सिक्यूरिटी ऑडिट कराया गया। एसडीएम के नेतृत्व में बिजली मैकेनिक और इंजीनियरों की टीम ने एक-एक हिस्से में बिजली केबल और आपूर्ति वाले क्षेत्रों की जांच की। इसके साथ ही पुराने तारों को चिह्नित किया है। एसडीएम ने बताया कि चूंकि मंदिर के पुराने हिस्से में पुराना केबल दौड़ा दिया है। कुछ हिस्सों में नवीनीकरण हुआ है। अन्य स्थानों का भी सिक्यूरिटी ऑडिट कराए जाने की तैयारी है। दरअसल, काशी विश्वनाथ धाम में मंगला आरती के बाद नियमित व्यवस्था के तहत दर्शनार्थी बाबा का स्पर्श दर्शन कर रहे थे। इस बीच सुबह 4:55 बजे गर्भगृह के दक्षिणी प्रवेश द्वार से मंदिर के स्वर्ण शिखर तक गए केबल में शार्ट-सर्किट से चिंगारी निकलने लगी। मंदिर के शिखर पर चिंगारी भड़कती देखकर सेवादारों और पुलिसकर्मियों ने तत्काल दर्शनार्थियों को वहां से हटाया। चिंगारी के कारण शिखर में बने एक ताखे में आग के गोला की तरह दिख रही थी। आग लगने की घटना को देखते ही तत्काल मंदिर में बिजली की आपूर्ति को रोका गया। बिजली काटने के बाद शॉर्ट सर्किट पर काबू पाया। कोई बड़ी घटना नहीं घटी। हालांकि, श्रद्धालुओं में दहशत भर गया। इस कारण इस कारण दक्षिणी द्वार की तरफ से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करने से डर रहे थे।
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