नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को घोषणा की कि वह किसानों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए हर मंगलवार अपने कार्यालय में किसानों के साथ साप्ताहिक बैठकें करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य किसानों से सीधा संवाद स्थापित करना और उनकी चिंताओं को प्राथमिकता से हल करना है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं नियमित रूप से किसानों और उनके संगठनों से संवाद करूंगा ताकि उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इन बैठकों की जानकारी पहले से दी जाएगी ताकि किसान आसानी से पहुंच सकें।
छह सूत्री रणनीति
कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले 100 दिनों में मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों पर बात करते हुए बताया कि सरकार के पास किसानों के कल्याण और कृषि के विकास के लिए छह सूत्री रणनीति है। उन्होंने कहा, किसान कृषि की आत्मा और जीवन हैं। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को तीन गुना अधिक मेहनत करने का वादा किया है, और हमने भी यह संकल्प लिया है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में काम करेंगे।
अक्टूबर से शुरू होगी कृषि चौपाल
चौहान ने यह भी घोषणा की कि अक्टूबर में कृषि चौपाल नामक एक नया टेलीविजन और रेडियो कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि अनुसंधान और तकनीक से जोड़ना है, ताकि उन्हें नई जानकारियों का अधिकतम लाभ मिल सके।
एमएसपी और सस्ते खाद की उपलब्धता पर जोर
कृषि मंत्री ने सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नीति और कृषि उत्पादन बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 65 फसलों की 109 जलवायु अनुकूल और अधिक उपज देने वाली किस्मों को किसानों को समर्पित किया है। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई। उदाहरण के तौर पर, यूरिया की कीमत 2,366 रुपये प्रति बैग है, जिसे सरकार 266 रुपये में किसानों को उपलब्ध करा रही है। डीएपी की कीमत 2,433 रुपये प्रति बैग है, जिसे 1,350 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है।
डिजिटल कृषि मिशन और राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली
चौहान ने डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की भी जानकारी दी, जिसका उद्देश्य किसानों को डिजिटल तकनीक का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली की भी सराहना की, जो किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो रही है।
चावल उत्पादन में बढ़ोतरी
कृषि मंत्री ने बताया कि कुछ राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के बावजूद इस साल भारत का चावल उत्पादन पिछले साल से अधिक होगा। उन्होंने कहा, बाढ़ के बावजूद चावल की रोपाई में इस साल वृद्धि हुई है, जिससे कुल उत्पादन पिछले साल की तुलना में बेहतर रहेगा।