सांसों पर संकट बरकरार: प्रदूषण का स्तर बढ़ने से आंखों में जलन

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दिल्ली । पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली, वाहनों का धुआं व स्थानीय प्रदूषण के कारक फिजा की सेहत बिगाड़ रहे हैं। प्रदूषक कणों की हवा की गति कम होने से दिल्ली में सांसों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शनिवार सुबह आसमान में स्मॉग की चादर छाई नजर आई। जिससे दिल्लीवासियों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह मुंडका में 387, बवाना में 390, पंजाबी बाग में 376 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं, जहांगीरपुरी में 373, आनंद विहार में 335, वजीरपुर में 366, नरेला में 348, आरकेपुरम में 389 एक्यूआई दर्ज किया गया है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। यमुना नदी की सतह पर जहरीला झाग तैर रहा है।

वहीं, शुक्रवार को तीन इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 के पार दर्ज किया गया। इनमें नेहरू नगर का सबसे अधिक वायु सूचकांक 463 दर्ज किया गया। वहीं, 23 इलाकों में एक्यूआई 400 के पार रहा।

वायु प्रदूषण को लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने की बैठक
वायु प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बैठक की। बैठक में टूटी और गड्ढों वाली सड़कों और निर्माण स्थलों उत्पन्न होने वाली धूल आदि को कम करने के लिए उचित कदम उठाने पर चर्चा की गई। सड़कों पर पानी का छिड़काव और एंटी स्मोक गन आदि को हाॅटस्पाॅट वाली जगहाें पर तैनात करने की बात कहीं गई है अधिकारियों ने वायु प्रदूषण पर की गई कार्रवाई का ब्योरा भी जुटाने को कहा है। बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार को पर्यावरण मंत्री ने ग्रैप चार के तहत नियमों को सख्ती से पालन कराने को लेकर सभी संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की थी।

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