नई दिल्ली। क्रिसमस पर्व के दौरान हवाई किराए में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-पुणे, मुंबई-गोवा और मुंबई चेन्नई जैसे बड़े हवाई मार्गों पर 23 से 25 दिसंबर के बीच किराया पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले या तो कम है अथवा बढ़ा भी है तो बहुत मामूली। एक विमानन विश्लेषक ने बताया कि नवंबर में दीवाली से पहले बढ़ी मांग को देखते हुए एयरलाइंस ने किरायों में बेतहाशा वृद्धि कर दी थी। इसका नतीजा यह हुआ कि मांग एकदम गिर गई और एयरलाइंस यात्रियों के लिए तरस गईं। नतीजतन, उन्हें सीटें भरने के लिए अंतिम समय तक टिकट बिक्री जैसे कदम उठाने पड़े। उन्होंने बताया कि इस महीने ऐसी हालत नहीं है। एयरलाइंस यात्रियों को लुभाने के लिए किराया तार्किक स्तर पर बनाए रखने को प्राथमिकता दे रही हैं। यदि किराये में कमी या बढ़ोतरी होती है तो यह अंतर बहुत ही मामूली रहता है। हवाई किराया कम होने का एक कारण यह भी है कि पिछले कुछ महीनों से हवाई ईंधन की कीमतों में गिरावट आई है। दिल्ली में 1 अक्टूबर को एटीएफ का मूल्य 1,18,000 प्रति किलोलीटर था, जो 1 दिसंबर को कम होकर 1,06,000 प्रति किलोलीटर पर आ गया। यात्री भार के लगातार एक जैसा रहने के कारण भी हवाई किरायों को वृद्धि नहीं हुई है। दिल्ली-मुंबई देश का सबसे व्यस्त हवाई मार्ग है, जिस पर हर सप्ताह 730 से अधिक फ्लाइट का संचालन होता है। ट्रैवल पोर्टल इजीगो के अनुसार दिल्ली-मुंबई मार्ग 23 से 25 दिसंबर के बीच औसत हवाई किराया पिछले साल के मुकाबले मात्र 0.51 फीसदी बढ़ा है। ऐसा तब है जब उड़ान से एक से तीन दिन पहले टिकट बुक कराया जाए। मुंबई-चेन्नई भी व्यस्ततम हवाई मार्ग में शामिल है। इस मार्ग पर 23 से 25 दिसंबर के बीच हवाई किराया 22.92 फीसदी कम हुआ है। यदि उड़ान से एक से तीन दिन पहले टिकट बुक किया जाता है तो एक टिकट के लिए 5,615 रुपये खर्च करने होंगे।
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