कोहरे से विमान सेवा नहीं होगी प्रभावित, ड्रोन तकनीक से हटाएंगे हवाई अड्डों से कोहरा

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लखनऊ। भारी कोहरे में भी विमानों की आवाजाही प्रभावित नहीं होगी। ड्रोन तकनीक के उपयोग से हवाई अड्डों का संचालन सामान्य रूप से होता रहेगा। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय ऐसी तकनीक विकसित करने पर काम करेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूपीसीएसटी) ने विश्वविद्यालय के शिक्षक को इसके लिए शोध अनुदान दिया है। पुनर्वास विवि में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिनेश कुमार निषाद कोहरा निवारण के लिए ड्रोन तकनीक शोध परियोजना पर काम करेंगे। यह परियोजना ‘कोहरे के फैलाव द्वारा दृश्यता में सुधार के लिए मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) का अनुप्रयोग’ विषय पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य हवाई अड्डों पर कोहरे को हटाने की नवीन तकनीक विकसित करना है। शोध परियोजना के लिए यूपीसीएसटी ने दो वर्षों की अवधि के लिए 12.72 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत किया है। इस तकनीक में ड्रोन का उपयोग किया जाएगा जो विमानों से पहले उड़कर कोहरे को छांटने का काम करेगा। यह तकनीक न केवल हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ाएगी, बल्कि विमानों के समय पर संचालन में भी मदद करेगी। डॉ. निषाद के अनुसार, यह तकनीक कैट-3 प्रणाली से अलग है और इसमें कोहरे को पूरी तरह से हटाया जा सकेगा। इससे पायलटों को बेहतर दृश्यता मिलेगी और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह प्रौद्योगिकी न केवल हवाई परिवहन बल्कि सड़क और रेल परिवहन में भी उपयोगी हो सकती है। शोध अनुदान के विवि के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने शिक्षक को शुभकामनाएं दी हैं।

एएआई की मदद से होगा शोध
डॉ. दिनेश का यह शोध भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और नागर विमानन अनुसंधान संगठन के सहयोग से पूरा होगा। इस नवाचार से देश में हवाई यातायात की सुरक्षा और दक्षता में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। शोध में विनय कुमार सिंह, धर्मेंद्र प्रकाश, सैफुल्लाह खालिद शामिल होंगे।

डिप्लोमा कोर्स के लिए मांगे आवेदन
पुनर्वास विश्वविद्यालय ने इसी सत्र से शुरू किए गए पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ऑडिटरी वर्बल थेरेपी और बैचलर इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी (बीएएसएलपी) में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभ्यर्थी विवि की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते है। प्रवक्ता प्रो. यशवंत वीरोदय ने बताया कि प्रवेश परीक्षा के आधार दाखिला होगा। परीक्षा सात सितंबर को विवि परिसर में होगी। पीजीडीएवीटी डिप्लोमा कोर्स में मेरिट से प्रवेश होंगे।

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