मिलर ने कहा कि ‘भारत पुतिन से कहे कि वह यूएन चार्टर का सम्मान करें और साथ ही यूक्रेन की क्षेत्रीय संप्रभुता को भी सम्मान करें। भारत हमारा भी अहम सहयोगी है, ऐसे में हम चाहेंगे कि भारत रूस को समझाने की कोशिश करे।’ अमेरिकी विदेश विभाग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस का दौरा किया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के रूस दौरे की आलोचना की थी और कहा था कि इससे शांति प्रयासों को बड़ा झटका लगेगा। अमेरिका ने भी भारत के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को दौरे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच साल 2030 तक सालाना व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। रूस दौरे पर पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित भी किया गया था। पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी भावी पीढ़ियों के लिए शांति स्थापित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान से कोई हल नहीं निकल सकता और बातचीत से ही कोई समाधान निकलने की उम्मीद है।