एकादशी पर वैष्णव तिलक और त्रिपुंड लगाकर सजे बाबा महाकाल, आकर्षक शृंगार को देखते रह गए श्रद्धालु

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उज्जैन। भगवान महाकाल 12 ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर विराजमान हैं। बाबा महाकाल के दरबार में प्रतिदिन की जाने वाली हर आरती में भगवान का अलग-अलग स्वरूपों में शृंगार किया जाता है। इसी तरह सुबह 4 बजे होने वाली बाबा महाकाल की भस्म आरती सबसे अधिक प्रसिद्ध है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज एकादशी पर सुबह हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक व त्रिपुंड लगाकर मुंडमाला के साथ आकर्षक शृंगार किया गया, जिसने भी इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया वह देखता ही रह गया। भक्तों को दर्शन देने के लिए बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। उसके बाद बाबा महाकाल को पूजन अर्चन के भस्म अर्पित की गई। भस्म आरती में पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुक्रवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया। पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का वैष्णव तिलक व त्रिपुंड, बिल्वपत्र व रुद्राक्ष की माला से आकर्षक शृंगार किया गया। जिसे देखकर भक्त बाबा महाकाल की भक्ति में लीन हो गए और जय श्री महाकाल, जय जय नारायण का उद्घोष करने लगे। इसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।
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