मस्तक पर सूर्य, गले में मखाने और तुलसी की माला पहनाकर किया बाबा महाकाल का श्रृंगार

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उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर रविवार तड़के भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर  से बने पंचामृत और फलों के रस से किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट मुंड माला धारण करवाई गई।

आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि तृतीया तिथि और रविवार के संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल का एक अलग ही स्वरूप देखने को मिला, बाबा महाकाल के मस्तक पर सूर्य, गले में मखाने, मोगरे और तुलसी की माला धारण कर उनका श्रृंगार किया गया। कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई और भोग भी लगाया गया। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

आज होगा सीपीआर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
श्री महाकाल महालोक में स्थित मानसरोवर भवन में 10 बेड के चिकित्सालय का संचालन किया जाता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा डॉ. विजय गर्ग (फिजिशियन एवं हृदयरोग विशेषज्ञ) प्रोफेसर, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के नेतृत्व में प्राथमिक चिकित्सा ईकाई श्री महाकाल लोक स्थित मानसरोवर भवन, प्रथम तल प्रोटोकॉल ऑफिस के समीप में सीपीआर ट्रेनिंग और डेमोस्ट्रेशन के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन आज रविवार सुबह 10 से शाम 7 बजे तक किया जाएगा। डॉ. गर्ग द्वारा मंदिर-के पुजारी-पुरोहित, मंदिर कर्मचारी, आउटसौर्स कर्मचारी और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों को सीपीआर ट्रेनिंग और डेमोस्ट्रेशन दिया जाएगा।

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