बहराइच: भेड़िए ने फिर किया हमला, मां के साथ सो रहे बच्चे को दबोचा, 57 टीमें दो भेड़ियों को खोजने में जुटीं
दो भेड़ियों को तलाश रहीं 57 टीमें
भेड़ियों से बचाव व उन्हें पकड़ने के लिए पीएसी के 200 जवान, राजस्व विभाग की 32 व वन विभाग की 25 टीमें लगाई गई हैं। टीमों द्वारा हर संभव कवायद की जा रही है लेकिन दो भेड़ियों की होशियारी के आगे सभी कवायदें फेल नजर आ रही हैं। शनिवार को भी टीमें गन्ने के खेत व नदी के कछार में खाक छानती रहीं लेकिन भेड़िये हाथ नहीं लगे। महसी तहसील के हरदी व खैरीघाट थाना क्षेत्रों के लगभग 50 गांव भेड़ियों से प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों में शासन-प्रशासन की ओर से युद्ध स्तर पर जागरूकता व धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार को भी दिनभर डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह, डीएफओ बाराबंकी आकाशदीप बधावन व बीडीओ हेमंत यादव के नेतृत्व में टीमों ने अभियान चलाया लेकिन खाली हाथ रहीं। वहीं ग्रामीण भी टोली बनाकर भेड़ियों को तलाशते रहे लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। गौरतलब है कि बाकी दोनों भेड़ियों को पकड़ने के लिए तीन थर्मल ड्रोन, चार पिंजरे, आधा दर्जन जाल व छह ट्रैपिंग कैमरे लगाए गए हैं।
भेड़ियों को पकड़ने की तैयारियों का जायजा लिया
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डाॅ. देवेंद्र शर्मा भी शनिवार को महसी तहसील पहुंचे। उन्होंने ग्राम पंचायत सिसैय्या चूरामणि के मजरा कोलैला, ग्राम पंचायत सिकंदरपुर के मजरा मक्कापुरवा, ग्राम पंचायत नकवा, सिंगिया नसीरपुर आदि का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवारों से जानकारी ली। साथ ही वन विभाग व जिला प्रशासन की भेड़ियों को पकड़ने की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने लोगों से घर के अंदर लेटने, लाठी-डंडा व टार्च आदि साथ रखने की अपील की।
ग्रामीणों ने पूर्व में दो और बालिकाओं के लापता होने की कही बात
बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. देवेश शर्मा से कुछ ग्रामीणों ने पूर्व में क्षेत्र की दो बालिकाओं के लापता होने और उनकी जानकारी आज तक न मिलने की बात बताई। साथ ही उन दोनों बालिकाओं की गुमशुदगी कहीं भी रिकार्ड में दर्ज न होने का भी मुद्दा उठाया। इस पर डॉ. देवेश शर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी लेने व जांच करवाने का आश्वासन दिया।