Bangladesh: भारत का बड़ा फैसला, बांग्लादेश से उच्चायोग-कॉन्स्युलेट के गैर-आवश्यक कर्मचारियों को वापस बुलाया

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नई दिल्ली। बांग्लादेश में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच भारत ने उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास में तैनात गैरजरूरी कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। इसे लेकर सरकार ने एडवायजरी भी जारी की है। गौरतलब है कि बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। दूसरी तरफ बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों और मंदिरों पर हमले भी जारी हैं। ऐसे में स्थिति के संवेदनशील होने के बाद भारत ने पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखी है। ढाका में भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास में तैनात गैरजरूरी कर्मचारियों और उनके परिवारों की वापसी वाणिज्यिक उड़ान जरिए हुई है। सभी राजनयिक फिलहाल उच्चायोग में ही रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि उच्चायोग में काम जारी रहेगा।

बांग्लादेश में फंसे भारतीयों को वापस लाया गया
बांग्लादेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया और इंडिगो ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका के लिए विशेष उड़ानें संचालित कीं। इसके जरिए 400 से अधिक लोगों को भारत लाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया की विशेष उड़ान से बुधवार सुबह छह बच्चों समेत 205 लोगों को भारत लाया गया। इंडिगो ने भी एक बयान जारी कर कहा कि ए321 नियो विमान से संचालित चार्टर्ड उड़ान मंगलवार रात ढाका से रवाना हुई थी और इसके जरिये छह बच्चों व 199 वयस्कों सहित 205 लोगों को भारत लाया गया। इंडिगो ने अपने बयान में कहा, ढाका हवाई अड्डे के अस्थायी रूप से बंद होने के बाद इंडिगो ने छह अगस्त 2024 को ढाका से कोलकाता के लिए विशेष उड़ान 6ई 8503 संचालित की। यह उड़ान बांग्लादेश से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए संचालित की गई। एयरलाइन ने कहा कि भारत और ढाका के बीच बुधवार से उड़ानों का संचालन फिर से शुरू होगा। बता दें कि इंडिगो दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से एक दैनिक उड़ान, जबकि कोलकाता से दो दैनिक उड़ान ढाका के लिए संचालित करती है।

बुधवार से ढाका के लिए संचालित होंगी उड़ानें
एअर इंडिया भी दिल्ली से ढाका के बीच अपनी दो दैनिक उड़ानों को बुधवार से संचालित करेगी। इसके साथ विस्तारा भी बुधवार से तय समयसारिणी के अनुसार ढाका के लिए उड़ानों का संचालन करेगी। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कुछ खास लोगों के एक वर्ग के लिए आरक्षण प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य से छात्रों के विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। जिसके बाद इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया। जिसमें कई लोगों की जान चली गई।
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