स्कूल में बच्चों को ‘सैंटा’ बनाने से पहले उनके परिजनों की अनुमति जरूरी, अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई

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ग्वालियर। स्कूलों में क्रिसमस पर्व को लेकर बच्चों को सांता बनाना अब मुश्किल का काम होता जा रहा है। प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं कि अगर बच्चों को सांता बनाना है तो परिजनों से अनुमित लेना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया और कोई शिकायत मिलती है तो गलती संस्था की मानी जाएगी और उस पर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि सांता की वेशभूषा को लेकर ग्वालियर के डीईओ अजय कटियार ने भी आदेश जारी किया है कि ग्वालियर के किसी भी संस्था द्वारा यदि क्रिसमस के दिन सांता क्लॉज से जुड़े हुए कार्यक्रम किए जाते हैं और उन में संस्था से जुड़े हुए बच्चों को सांता क्लॉज की वेशभूषा में तैयार किया जाता है तो इसके लिए सबसे पहले संस्था को बच्चों के अभिभावकों से सहमति लेनी होगी। डीईओ द्वारा जारी आदेश के अनुसार आगामी क्रिसमस के अवसर पर आपके विद्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले एवं क्रिसमस ट्री, संता क्लाज और विविध वेश भूषा, एवं अन्य कोई पत्र बनाए जाने के लिए आपके द्वारा चयनित छात्र छात्राओं के अभिभावकों से लिखित में सहमति प्राप्त कर ही उन्हें सहभागी बनाएं। किसी भी स्थिति में अभिभावकों की सहमति के बिना उक्त आयोजन में छात्र-छात्राओं की सहभागिता न कराई जाए।

आदेश के अनुसार इस संबंध में किसी भी प्रकार की विवाद या शिकायत की स्थिति पैदा होती है तो संबंधित संस्था प्रमुख का उत्तरदायित्व मानते हुए उनके विरुद्ध एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संस्था प्रमुख का होगी।

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