ललित मोदी को बड़ा झटका, वानुअतु के प्रधानमंत्री ने पासपोर्ट रद्द करने का दिया आदेश

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नई दिल्ली। आईपीएल के पूर्व प्रशासक ललित मोदी को बड़ा झटका लगा है। दरअसल वानुअतु देश के प्रधानमंत्री ने ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया है। ललित मोदी के पास वानुअतु की नागरिकता है। गौरतलब है कि ललित मोदी ने हाल ही में भारत की नागरिकता छोड़ने का आवेदन किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को बताया कि ‘ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था।’ जायसवाल ने बताया कि ‘हमें पता चला है कि उनके पास वानुअतु की नागरिकता है। हम कानून के मुताबिक उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रखेंगे।’
वानुअतु में नागरिकता पाने के लिए करना होता है निवेश
वानुअतु दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है। इस द्वीपीय राष्ट्र की कुल आबादी महज 3 लाख के करीब है। वानुअतु को साल 1980 में फ्रांस और ब्रिटेन से आजादी मिली थी। वानुअतु निवेश कार्यक्रम के तहत दुनियाभर के लोगों को नागरिकता देने की सुविधा देता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वानुअतु में नागरिकता पाने की न्यूनतम लागत 1.55 लाख डॉलर है। वानुअतु में निवेश के बदले महज 30-60 दिनों में ही वहां की नागरिकता मिल जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वानुअतु के कुल राजस्व में नागरिकता के बदले मिले राजस्व की हिस्सेदारी 30 फीसदी है। गौरतलब है कि दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट वाले देशों में भारत का स्थान 80वां हैं, जबकि छोटा सा देश वानुअतु इस सूची में 51वां स्थान रखता है और यह सऊदी अरब और चीन से भी आगे है। वानुअतु के पासपोर्ट से दुनिया के 113 देशों में वीजा मुक्त एंट्री मिल सकती है।

ललित मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग के हैं आरोप

ललित मोदी आईपीएल के पूर्व चेयरमैन रहे हैं और उन्हें ही आईपीएल की सफलता का मुख्य रणनीतिकार माना जाता है। हालांकि साल 2009 में आईपीएल के टीवी अधिकारों के 425 करोड़ रुपये के समझौते में नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में उनके खिलाफ जांच चल रही है। मई 2010 में ललित मोदी लंदन भाग गए थे। इसके बाद उन्हें बीसीसीआई ने बर्खास्त कर दिया था। ललित मोदी पर टीमों की नीलामी में भी फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। इस पर बीसीसीआई ने भी ललित मोदी के खिलाफ जांच की और दोषी पाए जाने के बाद उन्हें साल 2013 में आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था। साल 2015 में ललित मोदी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।

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