बता दें कि पवन सिंह ने पहले स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की थी। इससे पहले भाजपा ने उन्हें आसनसोल लोकसभा का टिकट दिया है। भाजपा चाहती थी कि पवन सिंह आसनसोल से ही चुनाव लड़ें। लेकिन, अगले ही दिन पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। दरअसल, पवन सिंह बिहार में आरा से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन, जब आरा से केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद आरके सिंह को टिकट दिया गया तब पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया।
कुशवाहा बोले- जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे
काराकाट सीट पर मतदान लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में एक जून को होगा। अभी चौथे और पांचवें चरण की लोकसभा सीटों पर ज्यादातर दलों का ध्यान है। यहां एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पवन सिंह निर्दलीय ही मैदान में उतर चुके हैं। महागठबंधन की ओर से कॉम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने राजा राम सिंह को उतारा है और वह इस बात से खुश भी हैं कि एनडीए के वोटर इस नाम पर बंट रहे हैं। भाजपा नेता खुले तौर पर उपेंद्र कुशवाहा का साथ दे रहे हैं। इधर, उपेंद्र कुशवाहा भी कह रहे हैं कि पवन सिंह सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए अपनी ताकत दिखाकर जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे हैं।