मुख्यमंत्री चुनने में बीजेपी की हर राज्य में रही एक जैसी रणनीति

पहली बार विधायक बनने वालों को सौंपी कमान, दिग्ग्जों को नहीं दी तरजीह

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नई दिल्ली। बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को लगातार संदेश दे रही है कि विधानसभा चुनावों में पहली बार विधायक बनना फायदेमंद हो सकता है। 2014 के बाद से पार्टी ने जिन राज्यों में जीत हासिल की है वहां सीएम पद के लिए अनुभवी नेताओं के बजाय नए चेहरों को चुनने की रणनीति अपनाई है। बीजेपी ने 2014 में हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाकर पहली बार किसी नए विधायक पर दांव लगाया था। खट्टर को शीर्ष पद सौंपे जाने से सभी हैरान थे। खट्टर चार दशकों से आरएसएस और 20 सालों से बीजेपी से जुड़े थे। हरियाणा में बीजेपी के संगठन सचिव के रूप में उन्होंने पार्टी प्रमुख रणनीतिकार के रूप में अपनी पहचान बनाई थी।
खट्टर ने 1996 में हरियाणा के बीजेपी प्रभारी के रूप में पीएम मोदी के साथ मिलकर काम किया। 2014 के आम चुनावों में जब पीएम मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे, तब खट्टर निर्वाचन क्षेत्र के 50 वार्डों के प्रभारी बनाए गए थे। गैर-जाट मतदाताओं को बीजेपी के पक्ष में एकजुट करने की उनकी क्षमता ने पार्टी में उनका मान बढ़ाया।
2024 में बीजेपी ने राजस्थान के सीएम के रूप में भजनलाल शर्मा को इस पद पर बैठाया, जो एक आश्चर्यजनक कदम था। जयपुर के सांगानेर निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा बीजेपी की राज्य इकाई में महासचिव थे। दिलचस्प बात यह है कि विधायक दल की बैठक से पहले बीजेपी कार्यालय में ली गई एक सामूहिक तस्वीर में, भजनलाल शर्मा पिछली पंक्ति में दिखाई दे रहे थे। हालांकि, राजस्थान विधायक दल की बैठक के दौरान, शर्मा को नेता घोषित किया गया।
इसी तरह दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में आने के बाद पहली बार विधायक बनकर सीएम बनने वालों की सूची में रेखा गुप्ता का नाम भी जुड़ गया। जब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली के सीएम पद के लिए प्रवेश वर्मा की जगह रेखा गुप्ता को तरजीह दी गई। प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के आप पार्टी के पूर्व सीएम केजरीवाल को विधानसभा चुनावों में हराया था। रेखा गुप्ता संघ से संबद्ध संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आगे बढ़ी हैं। उन्होंने सरकार और पार्टी में अहम पदों पर काम किया है।
2021 में बीजेपी ने एक साहसिक कदम उठाते हुए गुजरात में विजय रूपाणी मंत्रिमंडल के सभी 22 मंत्रियों को बदल दिया था। इस बदलाव ने राज्य में काफी हलचल मचा दी थी और भी आश्चर्यजनक यह था कि पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को सीएम बना दिया। बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुने गए भूपेंद्र पटेल नगर पालिका स्तर से राज्य की राजनीति में आगे बढ़े।
सीएम चुनने के मामले में बीजेपी का तरीका सिर्फ विधायकों तक ही सीमित नहीं है। पार्टी ने 2017 में यूपी के सीएम पद के लिए गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को चुना था। मुख्यमंत्रियों के चयन के मामले में बीजेपी की रणनीति हर राज्य में एक जैसी रही है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, हरियाणा इन सभी बीजेपी शासित राज्यों के सीएम पार्टी में अपेक्षाकृत अनजान चेहरे थे, जब तक कि उन्हें राज्य का नेतृत्व करने के लिए नहीं चुना गया। इन राज्यों में दिग्गज नेता शीर्ष पद की दौड़ में पीछे रहे गए।

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