BRICS Summit: पांच साल बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

183
कजान। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जो मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पैदा होने के बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर पहली बैठक है। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी। चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।नवंबर 2022 में मोदी और शी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया और संक्षिप्त बातचीत की थी। पिछले वर्ष अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी।

हमारी बैठक को ध्यान से देख रहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय: चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग
द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने पीएम मोदी से कहा, कजान में आपसे मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। पिछले पांच वर्षों में यह हमारी पहली औपचारिक मुलाकात है। हमारे दोनों देशों के लोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमारी बैठक पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं, प्रमुख विकासशील देश और वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। हम दोनों अपने-अपने आधुनिकीकरण के प्रयासों के एक महत्वपूर्ण चरण में हैं। यह हमारे दोनों देशों और लोगों के मूल हितों की सर्वोत्तम सेवा है। जिनपिंग ने कहा, अधिक संवाद और सहयोग करना दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है। हमें अपनी भिन्नताओं और असहमितियों को सही तरीके से संभालना चाहिए और एक दूसरे के विकास की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए। दोनों पक्षों का अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाने, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ाने के लिए उदाहरण पेश करने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहुध्रुवीयता और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान है।

सीमा पर शांति-स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए: पीएम मोदी
वहीं, पीएम मोदी ने कहा, हम पांच साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं। हमारा मानना है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम सीमा पर पिछले चार साल से उठे मु्द्दों पर बनी सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बनी रहनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, मुझे भरोसा है कि हम खुले दिमाग से बात करेंगे और हमारी चर्चा रचनात्मक होगी।

दोनों नेताओं की बैठक पर विदेश सचिव ने क्या कहा
इस द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, पीएम मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। करीब पांच वर्षों में प्रतिनिधिमंडल स्तर पर यह उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक थी। आखिरी बैठक 2019 में ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। मिस्री ने कहा, यह बैठक सैनिकों की वापसी और गश्त समझौते और 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में पैदा हुए मुद्दों के समाधान के ठीक बाद हुई। पिछले कई हफ्तों से राजनयिक और सैन्य चैनलों पर निरंतर बातचीत के जरिए दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति का दोनों नेताओं ने स्वागत किया। पीएम मोदी ने सीमा से जुड़े मामलों पर हमारे मतभेदों को हमारी सीमाओं पर शांति भंग न करने के महत्व पर जोर दिया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.