क्या दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 प्रतिबंधों में दी जा सकती है ढील? सुप्रीम कोर्ट 25 को करेगा विचार

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 नई दिल्ली।  दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कहर के बीच सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सांसों के संकट से निपटने के लिए लागू GRAP-4 प्रतिबंध फिलहाल जारी रहेंगे। इसमें रियायत दी जा सकती है या नहीं? इस पर 25 नवंबर को विचार किया जाएगा। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने GRAP-4 प्रतिबंधों को जिस तरह से लागू किया गया, उस पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने खास तौर पर गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश को प्रतिबंधित करने से संबंधित फैसलों में देरी पर हैरानी जताई।
ग्रैप के तहत वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरण
चरण-1: खराब (AQI 201-300)
चरण- 2: बहुत खराब (AQI 301-400)
चरण-3: गंभीर (AQI 401-450)
चरण- 4: गंभीर प्लस (AQI 450 से ऊपर)
न्यायालय आयुक्त नियुक्त किए गए
सर्वोच्च न्यायालय ने 13 वकीलों को दिल्ली के विभिन्न प्रवेश बिंदुओं का दौरा करने के लिए न्यायालय आयुक्त के रूप में नियुक्त किया। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंधों को लागू किया गया है या नहीं? अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि पिछले दो दिनों में प्रदूषण का स्तर कम हो गया है। AQI का स्तर अब GRAP-2 चरण के अंतर्गत है। शुक्रवार को दिल्ली में कुल AQI 373 दर्ज किया गया और यह बहुत खराब श्रेणी में रहा।
अगले आदेश तक जारी रहेंगे प्रतिबंध
इससे पहले 18 नवंबर को शीर्ष अदालत ने सभी दिल्ली-एनसीआर राज्यों को प्रदूषण विरोधी GRAP 4 प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए तुरंत टीमें गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने साफ किया था कि प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेंगे। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि लागू किए गए GRAP-4 प्रतिबंधों का भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पीठ ने कहा कि GRAP-4 के परिणाम बहुत गंभीर हैं और इसका समाज के कई वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए शीर्ष अदालत 25 नवंबर को तय करेगी कि GRAP-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी जाए या नहीं?
ट्रकों से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर भी विचार
कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले ट्रकों से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर भी विचार किया और GRAP-4 उपायों के कार्यान्वयन में कमी के लिए दिल्ली सरकार से सवाल किया। पीठ ने कहा कि हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि कुल 113 प्रवेश बिंदु हैं, जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली पुलिस को सभी 113 प्रवेश बिंदुओं पर चेक पोस्ट स्थापित करने का निर्देश दिया।
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