Jabalpur : मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में शुरू हुआ मध्य भारत का पहला डीप बेन लीजनिंग ट्रीटमेंट, अनेक रोगों में कारागार

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जबलपुर। मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में पार्किंसन रोग, डिस्टोनिया, कम्पन, मिर्गी इत्यादि बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए डीप ब्रेन लीजनिंग उपचार सुविधा सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज जबलपुर में प्रारंभ हो गया है। पीड़ित मरीज सोमवार एवं बुधवार के दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक न्यूरोसर्जरी ओपीडी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज जबलपुर में दिखाने के लिये आ सकते हैं। ज्ञात है कि पार्किंसन रोग, डिस्टोनिया, कम्पन, मिर्गी इत्यादि बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए डीप ब्रेन लीजनिंग एक प्रभावित एवं सुरक्षित उपचार है, उक्त प्रक्रिया तब की जाती है जब मरीज दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते है या उनकी बीमारी गंभीर अवस्था में पहुंच चुकी होती है. विगत दिनों में पार्किंसन के 02 मरीजों, डिस्टोनिया के 01 मरीज एवं मिर्गी के 02 मरीजों का इस तकनीक से सफलतापूर्वक इलाज किया गया, और सभी मरीजों की स्थिति में सुधार देखा गया, ये मरीज 07 वर्ष से लेकर 80 वर्ष तक थे। न्यूरोसर्जन डॉ. जितिन बजाज ने बताया गया कि इस प्रक्रिया में एक छोटे छिद के माध्यम से मस्तिष्क में एक तार डाली जाती है जो मस्तिष्क के हानिकारक हिस्से में थर्मल उर्जा देती है। यह प्रक्रिया न्यूरोलॉजी व न्यूरोसर्जरी विभाग के बीच आपसी विचार विमर्श एवं समन्वय के साथ की जाती है। मध्य भारत में यह सुविधा केवल सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में उपलब्ध है. एवं यह उपचार आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत निःशुल्क उपलब्ध है। डॉ. नवनीत सक्सेना डीन मेडिकल कॉलेज, डॉ. अवधेश प्रताप सिंह कुशवाह डायरेक्टर सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, ले. कर्नल डॉ. जितेन्द्र गुप्ता अधीक्षक सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, डॉ. शैलेन्द्र रात्रै विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी ने जरूरतमंद मरीजों से अधिक से अधिक इस सुविधा का लाभ उठाने के लिये अपील की है।

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