30 मार्च 2025 को चैत्र नवरात्रि का महापर्व शुरू हो रहा है, जो रामनवमी तक चलेगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है, और इसे खासतौर पर कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा से शुरू किया जाता है। इस समय पूजा, जागरण और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इस पर्व में मां का पृथ्वी पर आगमन होता है, और विशेष मुहूर्त पर पूजा विधि का पालन किया जाता है। ऐसे में आइए कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि के बारे में जानते हैं…
चैत्र नवरात्र की तिथि
- 30 मार्च 2025 प्रतिपदा (मां शैलपुत्री)
- 31 मार्च 2025 द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी) और तृतीया (मां चंद्रघंटा)
- 1 अप्रैल 2025 चतुर्थी (मां कुष्मांडा)
- 2 अप्रैल 2025 पंचमी (मां स्कंदमाता)
- 3 अप्रैल 2025 षष्ठी (मां कात्यायनी)
- 4 अप्रैल 2025 सप्तमी (मां कालरात्रि)
- 5 अप्रैल 2025 अष्टमी (मां महागौरी)
- 6 अप्रैल 2025 नवमी (मां सिद्धिदात्री)