प्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को अभी 1250 रुपए मिल रहे है। इसकी सात किश्ते दी जा चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव के दौरान 1250 रुपए को तीन हजार रुपए तक करने का एलान कर चुके है। यह राशि करीब 1.31 करोड़ महिलाओं को दी जा रही है। वित्तीय बोझ से दबे प्रदेश में नए मुख्यमंत्री क्या यह वादा पूरा कर पाएंगे।
कर्ज में दबा प्रदेश
प्रदेश सरकार के कर्ज का बोझ उसके सालाना खर्च से भी ज्यादा यानी करीब 3.31 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। इसमें मूलधन के अलावा करीब 25 हजार करोड़ रुपए सालाना ब्याज देना पड़ रहा है। इस वित्तीय वर्ष में सरकार का राजस्व आय दो लाख तीन हजार करोड़ रुपए के आसपास है, जबकि व्यय दो लाख दो हजार करोड़ रुपए। ऐसे में नए सीएम के सामने घोषणाओं को पूरा करने के साथ ही कर्ज को चुकाना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
यह है वित्तीय भार
– प्रदेश में उपभोक्ताओं को 100 रुपए 100 यूनिट बिजली सब्सिडी देने में 6 हजार करोड़ रुपए का भार।
– लाड़ली बहनों को गैस सिलेंडर पर 450 रुपए की सब्सिडी देने पर करीब 270 करोड़ रुपए का भार।
– लाड़ली बहनों को 1250 रुपए की राशि देने पर करीब 19 हजार करोड़ रुपए का भार। राशि बढ़ाने पर यह भार भी बढ़ेगा।
– किसान सम्मान निधि की राशि में दो हजार रुपए की बढ़ोतरी करने पर करीब पांच हजार करोड़ रुपए का भार आएगा।
यह भी पूरा करना
– सरकार गेहूं 2700 रुए और धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल खरीदेगी।
– तेंदूपत्ता चार हजार रुपए प्रति मानक।
– लाड़ली बहनों को पक्के मकान दिए जाएंगे।
– गरीब कल्याण अन्न योजना में चावल-गेंहू-दाल के साथ सरसों तेल, शक्कर देंगे।