चंबल के खूंखार डकैत गुड्डा को आजीवन कारावास, हत्या के मामले में मुरैना अपर सत्र न्यायालय ने सुनाया फैसला

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मुरैना। मुरैना अपर सत्र न्यायालय ने धारा 302 आईपीसी के तहत डकैत गुड्डा गुर्जर उर्फ जंडैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। शासन की ओर से पैरवी इंद्र सिंह गुर्जर अपर लोक अभियोजक ने की।
जानकारी के अनुसार, 4 अक्टूबर 2017 को फरियादी जितेंद्र गुर्जर ने नूराबाद अस्पताल में स्टेचर पर लेटे होकर अपने पिता बेताल सिंह और भाई बंटी के साथ जुबानी रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि भारत सिंह गुर्जर और गुड्डा गुर्जर के साथ पुरानी रंजिश चली आ रही थी। उसी के चलते सुबह करीब साढ़े आठ बजे, भारत सिंह, गुड्डा गुर्जर और संजीव उर्फ कल्ली ने पैसे की मांग की। जितेंद्र के पिता ने संजीव उर्फ कल्ली को मौके पर पकड़ लिया और थाने ले जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मौके पर जाकर स्थिति का मुआयना किया और उसकी गायों को गांव पहुंचाया, लेकिन कुछ गायें खिरकाई पर रह गईं। उन्हें लेने के लिए जितेंद्र और उसके भाई बंटी पैदल जा रहे थे।

दिन के साढ़े दस बजे जब वे ललिता पुरा के पीछे जंगल के रास्ते पर पहुंचे तो भारत सिंह, उसका भाई केशव, विजय, बल्ली और गुड्डा गुर्जर एक राय होकर आए और उन्हें घेर लिया। जितेंद्र का भाई बंटी जंगल की तरफ भाग गया। भारत ने गाली-गलौज करते हुए कहा कि गुड्डा, केशव, विजय और बल्ली उसे गोली मार देंगे। भारत और गुड्डा के पास माउजर बंदूक थी और बाकी के पास लाठियां थीं। जब जितेंद्र भागने लगा तो भारत ने गोली चला दी। जितेंद्र चिल्लाया और थोड़ी दूर जाकर गिर पड़ा। इस दौरान सभी लोग भागने लगे, इस दौरान गुड्डा ने गोली चलाई। बंटी ने पिता को फोन किया, इसके बाद उसे मोटरसाइकिल से अस्पताल नूराबाद ले जाया गया, जहां पुलिस को रिपोर्ट की गई। इसके बाद जितेंद्र की मृत्यु हो गई। पुलिस ने पूरी मामले में कार्रवाई कर चालान पेश किया। मुरैना अपर सत्र न्यायालय ने डकैत गुड्डा गुर्जर को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही धारा 148 के तहत एक वर्ष की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लगाया है। 

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