चंबल के खूंखार डकैत गुड्डा को आजीवन कारावास, हत्या के मामले में मुरैना अपर सत्र न्यायालय ने सुनाया फैसला
दिन के साढ़े दस बजे जब वे ललिता पुरा के पीछे जंगल के रास्ते पर पहुंचे तो भारत सिंह, उसका भाई केशव, विजय, बल्ली और गुड्डा गुर्जर एक राय होकर आए और उन्हें घेर लिया। जितेंद्र का भाई बंटी जंगल की तरफ भाग गया। भारत ने गाली-गलौज करते हुए कहा कि गुड्डा, केशव, विजय और बल्ली उसे गोली मार देंगे। भारत और गुड्डा के पास माउजर बंदूक थी और बाकी के पास लाठियां थीं। जब जितेंद्र भागने लगा तो भारत ने गोली चला दी। जितेंद्र चिल्लाया और थोड़ी दूर जाकर गिर पड़ा। इस दौरान सभी लोग भागने लगे, इस दौरान गुड्डा ने गोली चलाई। बंटी ने पिता को फोन किया, इसके बाद उसे मोटरसाइकिल से अस्पताल नूराबाद ले जाया गया, जहां पुलिस को रिपोर्ट की गई। इसके बाद जितेंद्र की मृत्यु हो गई। पुलिस ने पूरी मामले में कार्रवाई कर चालान पेश किया। मुरैना अपर सत्र न्यायालय ने डकैत गुड्डा गुर्जर को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही धारा 148 के तहत एक वर्ष की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लगाया है।