राममंदिर में रामलला पांच वर्ष के बालक के रूप में विराजमान हैं। इसलिए ठंडी व गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। राममंदिर के पुजारी प्रेमचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इस समय चूंकि नौतपा चल रहा है और गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। इसलिए रामलला को भोग में शीतल व्यंजन दिए जा रहे हैं। उन्हें सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। सुबह पहले दीपों से आरती होती थी, अब चांदी की थाली में चारों तरफ फूल बिछाकर आरती की जाती है। साथ ही भोग में उन्हें सुबह और शाम दही दी जाती है। इसके अलावा फलों का जूस व लस्सी का भी भोग लगता है। भोग में मौसमी फल शामिल किए जाते हैं। लक्ष्मण किला में विराजमान ठाकुर व किशोरी जी को गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में एसी लगाई गई है। मंदिर के अधिकारी सूर्यप्रकाश शरण बताते हैं कि भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद माना जाता है कि उनमें प्राण हैं। इसीलिए भोग, शृंगार व विश्राम की व्यवस्था की जाती है। इसी मान्यता के चलते भगवान की मौसम के हिसाब से सेवा भी की जाती है। भगवान को इस समय खीरा, सत्तू, दही सहित शीतलता प्रदान करने वाले व्यंजनों का भोग अर्पित किया जा रहा है।
मंदिरों में गर्भगृह में लगाए गए हैं कूलर व एसी
सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी में भी गर्मी के मौसम में हनुमान जी महाराज के लिए कूलर की व्यवस्था की गई है। वहीं श्रीराम वल्लभा कुंज व हनुमान बाग में गर्भगृह में एसी लगाई गई है। सियाराम किला झुनकी घाट के महंत करुणा निधान शरण ने बताया कि मंदिर में विराजमान युगल सरकार को गर्मी से बचाने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं। आरती के लिए फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह रामनगरी के अन्य मंदिरों में भी भीषण गर्मी के चलते राग-भेाग की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।