छिंदवाड़ा हत्याकांड: आठ लोगों के कत्लेआम में बचे बच्चे का जिंदगी के लिए संघर्ष, जबड़े पर मारी थी कुल्हाड़ी
नागपुर में मासूम बच्चों के साथ उसके मामा नामी उइके हैं, जो उसकी देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल उसके दांत की सफाई की गई है और छोटे-मोटे टांके लगाए गए हैं। उसकी सर्जरी होना बाकी है। ऐसे में मासूम बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। फिलहाल उसकी हालत सही है, लेकिन उसे खाना खाते नहीं बन रहा है। अब सर्जरी के बाद ही स्थिति में सुधार आएगा।
सिर्फ 10 साल के मासूम की बची जान, चल रहा उपचार
गौरतलब हो कि बोदल कछार में सनकी युवक ने खूनी खेल खेलते हुए अपने ही घर के आठ लोगों को मौत की नींद सुला दिया था, वहीं उसका अगला निशाना पड़ोस में रहने वाले उसके ताऊ का परिवार था। जैसे ही वह है इस परिवार के आंगन में कुल्हाड़ी लेकर दाखिल हुआ तो उसे सबसे पहले 10 साल का मासूम यशु दिखाई दिया जो अपनी दादी के साथ सो रहा था। इस दरिंदे ने उस पर कुल्हाड़ी से वार करना चाहा तो उसका निशाना चूक गया। कुल्हाड़ी उसके जबड़े में लगी। बच्चे की चीखें सुनकर उसके पास में सोई उसकी दादी उठ गई और उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसके बाद दरिंदा मौके से भाग गया। कुल्हाड़ी के वार से बच्चे का जबड़ा टूट गया।