खातों पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ IT ट्रिब्यूनल पहुंची कांग्रेस, मिली राहत, आयकर विभाग ने किए थे फ्रीज

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नई दिल्ली। कांग्रेस को आयकर विभाग की तरफ से खातों पर लगाए प्रतिबंधों के मामले में ट्रिब्यूनल की तरफ से बड़ी राहत मिली है। पार्टी के नेता विवेक तन्खा ने बताया है कि इनकम टैक्स अपालेट ट्रिब्यूनल ने कांग्रेस को अंतरिम राहत देते हुए उसे खातों को चलाने की छूट दी है। ट्रिब्यूनल इस मामले में अंतरिम राहत के लिए बुधवार को सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि इससे पहले पार्टी के प्रवक्ता अजय माकन ने शुक्रवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आयकर विभाग ने 2018-19 के आयकर रिटर्न के आधार पर कांग्रेस और यूथ कांग्रेस के खातों को फ्रीज कर दिया है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने इन दोनों खातों से 210 करोड़ रुपये की रिकवरी का भी आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे अकाउंट में जो भी क्राउडफंडिंग से जुटाई गई राशि है, उसे हमारी पहुंच से दूर कर दिया गया है।
माकन ने कहा कि चुनाव के एलान से महज दो हफ्ते पहले ही विपक्षी पार्टी का अकाउंट फ्रीज कर दिया गया। यह लोकतंत्र को फ्रीज करने जैसा है। माकन ने बताया कि इस खाते में एक महीने की सैलरी भी दी है। हमने आयकर विभाग को उन दानकर्ताओं के नाम भी दिए हैं।
माकन ने कहा, “हमें एक दिन पहले ही जानकारी मिली थी कि बैंकों को हम जो चेक भेज रहे थे, उनका निपटारा नहीं हो पा रहा था। जांच पर पता चला कि यूथ कांग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के खाते भी बंद होने की बात सामने आई। कुल चार अकाउंट फ्रीज किए गए हैं। आयकर विभाग की तरफ से बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि हमारे कोई भी चेक स्वीकार न करें और हमारे खातों में जो भी राशि है उसे रिकवरी के लिए रखा जाए।”

भाजपा पर लगाए आरोप
माकन ने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले को लेकर आयकर अपीलीय अधिकरण का रुख किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि न्यायपालिका लोकतंत्र की रक्षा करेगी। कांग्रेस नेता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या वे यही चाहते हैं कि देश में सिर्फ एक ही पार्टी रहे। उन्होंने कहा कि अगर किसी के खाते सील होने चाहिए तो भारतीय जनता पार्टी के होने चाहिए क्योंकि उन्होंने ‘असंवैधानिक’ चुनावी बॉन्ड के जरिए कॉर्पोरेट जगत से पैसे लिए हैं।

‘हमारे पास बिजली का बिल भरने के पैसे भी नहीं’
कांग्रेस के ट्रेजरर माकन ने कहा कि अभी कांग्रेस के पास खर्च करने के लिए पैसे तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास बिजली के बिल देने के लिए, अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए तक राशि नहीं बची है। उन्होंने कहा कि इससे हर चीज पर प्रभाव पड़ेगा। न सिर्फ न्याय यात्रा, बल्कि सभी तरह की राजनीतिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।

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