यूपी में एक ट्रेन पलटाने की साजिश: घटनास्थल पर मिला ये चौंकाने वाला सामान, गिट्टियों वाली जगह से 20 कदम दूर…

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गाजीपुर। यूपी के गाजीपुर सिटी स्टेशन के पास गेट नंबर 27-28 के बीच रखे लकड़ी के टुकड़े की घटना को लेकर दिल्ली तक के अधिकारी गंभीर हो गए हैं। जांच में लगीं एजेंसियां और पुलिस इसे साजिश, चुनौती या शरारत मानकर कार्रवाई को आगे बढ़ा रही हैं। वजह 10 सितंबर को भी इसी स्थान पर रेलवे ट्रैक पर तीन मीटर तक गिट्टियां रख दी गईं थी। प्रयागराज से बलिया जा रही मेमू ट्रेन के इंजन पर पथराव हुआ था। रविवार की रात भी गिट्टियां वाले स्थान से 20 कदम दूर लकड़ी का टुकड़ा रख दिया गया। अप स्वतत्रंता सेनानी एक्सप्रेस रविवार रात गाजीपुर घाट स्टेशन से गाजीपुर सिटी स्टेशन के लिए आ रही थी। रात 2.40 पर जमानिया रेलवे ओबर ब्रिज के नीचे किमी संख्या 126/31-33 के मध्य चालक ने गार्ड रेल व रंनिंग रेल लाइन के बीच एक लकड़ी का टुकड़ा खड़ी अवस्था में देख इमरजेंसी ब्रेक लगा दी।  इसके बाद टुकड़ा इंजन में फंसने से ट्रेन रगड़ खाते हुए करीब 400 मीटर आगे तक गई। घटना के बाद से रेल प्रशासन में हड़कंप मचा है। बता दें कि गिट्टियों वाले मामले में आरपीएफ ने शहर कोतवाली क्षेत्र के चक फैज छतरी निवासी दानिश अंसारी (18), सोनू कुमार (20) और आकाश कुमार (22) को गिरफ्तार किया है। तीनों रोजाना रात में रेलवे पटरी किनारे गांजे का नशा करते थे। आरोपियों ने बताया था कि वे नशे की हालत में मस्ती के लिए ऐसा करते थे। जांच में लगे जिम्मेदार आशंका जता रहे हैं कि रेलवे की कार्रवाई से खफा होकर आरोपियों के करीबियों ने लकड़ी रख दी हो। या फिर नशेड़ियों के लिए अड्डा बने इस स्थान से नशेड़ियों को हटाने या पास चल रहे टाल संचालक को फंसाने के लिए तो ऐसा नहीं किया गया है। अधिकारी इस बात को लेकर भी जांच करने में जुटे हैं कि एक सप्ताह के अंदर दो घटनाएं किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं। हालांकि इसपर जिम्मेदार अभी कुछ बोलने को वे तैयार नहीं है।

रात डेढ़ बजे के बाद ट्रैक पर रखी गई लकड़ी
रेलवे की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि है कि लकड़ी का बोटा रात डेढ़ बजे के बाद ही रखा गया। रेलवे से जुड़े लोगों के मुताबिक जिस स्थान पर घटना हुई वहां इसी ट्रैक से करीब एक बजे मालगाड़ी गुजरी थी, जबकि अप लाइन से करीब डेढ़ बजे भी एक मालगाड़ी गुजरी थी। इनके लोको पायलट से भी जानकारी हासिल की गई। उन्होंने बताया कि उनकी नजर इस तरह की लकड़ी पर नहीं पड़ी थी। दूसरी ओर आरपीएफ का दावा है कि रात 12 बजे तक पेट्रोलिंग हुई थी, उस समय ऐसा कुछ भी नहीं था।
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