फिर डराने लगा कोरोना,केरल में एक की मौत,नए वैरिएंट ने पांव पसारे

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तिरुअनंतपुरम। भारत में एक बार फिर कोरोना डराने लगा है। केरल एक मरीज की मौत कोरोना से होना बताई जा रही है। इसके लेकर भी सावधानी रखी जा रही है। कोरोना वायरस और इसके संक्रमण को लेकर एक बार फिर अलर्ट की स्थिति आ रही है। सामने आया है कि कोविड का एक नया वैरिएंट भारत में दस्तक दे चुका है।
कोविड-19 के एक सबवैरिएंट जेएन1 का पहला मामला केरल में सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर जानकारी दी है। केरल के कन्नूर जिले के पनूर नगर पालिका के वार्ड-1 निवाली एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। मृतक कोरोना संक्रमित था। अब इस घटना के बाद इलाके में कोविड के खिलाफ रोकथाम गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। विधायक केपी मोहनन की अध्यक्षता में हुई आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया। मृतक की पहचान अब्दुल्ला नाम के शख्स के तौर पर हुई है और वह 80 वर्ष के थे। उनका खांसी और सांस लेने की समस्या का इलाज चल रहा था।
कोविड से मौत की घटना के सामने आने के बाद, कोविड प्रोटोकॉल के पालन करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। बैठक में कहा गया कि, लोगों के बीच सावधानी बरतने के लिए संदेश प्रसारित किया जाएगा। एहतियाती उपाय कड़े किए जाने के भी निर्देश हैं। जिन्हें बुखार है उन्हें आइसोलेशन में रहने और जो लोग कोविड पॉजिटिव हैं उन्हें क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए जाएंगे। मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नियमित अभ्यास के रूप में राज्यों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और स्थिति की निगरानी कर रहा है। केरल में कोविड के डर के बाद स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने आपात बैठक की है।

अधिकारियों को मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ तैयार रहने और भंडार रखने का निर्देश दिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई कमी न हो। इसके साथ ही साफ तौर पर कहा गया है कि, केरल से लगी सीमा बंद नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, हमें मॉक ड्रिल करनी होगी और किसी भी चीज के लिए तैयार रहना होगा। यदि कोई पुनरावृत्ति होती है, तो हमें तैयार रहने की जरूरत है। हमने मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि सब के लिए तैयारी कर ली है।
बता दें कि इससे पहले, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री को भी जेएन 1 सब-वैरिएंट का पता चला था। वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का मूल निवासी था और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी। तिरुचिरापल्ली जिले या तमिलनाडु के अन्य स्थानों में स्ट्रेन पाए जाने के बाद मामलों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई। सूत्रों की मानें तो भारत में इस जेएन.1 वेरिएंट का कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है। जेएन 1 सब-वैरिएंट – पहली बार लक्जमबर्ग में पहचाना गया और कई देशों में फैलने गया। नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन के अनुसार, जेएन.1 एक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा-रोधी और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है, जो एक्सबीबी और इस वायरस के पहले के सभी वैरिएंट्स से स्पष्ट रूप से अलग है। यह उन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है जिन्हें पहले भी कोविड संक्रमण हुआ था और जिन लोगों को टीका लगाया गया था।

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