गौरतलब है कि फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद अपने देश से भागने के बाद म्यांमार के हजारों लोगों ने कई उत्तर-पूर्वी राज्यों खासकर मिजोरम में शरण ली है। मुझे लगता है कि हमारे देश की सुरक्षा, मिजोरम सहित हमारे राज्यों की सुरक्षा के लिए हमें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। लेकिन अभी हम जो सावधानियां बरत रहे हैं, वे एक निश्चित स्थिति के जवाब में हैं। अभी भी हमारा पड़ोसी एक संकट से गुजर रहा है। अगर म्यांमार में चीजें सामान्य होतीं तो ऐसा नहीं होता।
जयशंकर ने कहा कि केंद्र लोगों के हितों, परंपराओं, रीति-रिवाजों और सीमा पार रिश्तों के प्रति बहुत संवेदनशील है। प्रस्तावित सीमा बाड़ लगाने और एफएमआर को खत्म करने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल यह महत्वपूर्ण है कि हम सावधानी बरतें। इसलिए हम चाहते हैं कि लोग समझें कि यह आज की स्थिति की प्रतिक्रिया है।