करोड़ों के धान पचा गए घोटालेबाज… अब गेहूं खरीदी केंद्रों पर जमकर चल रहा गोलमाल, जांच में कई वेयर हाउसों की अनियमिता हुई उजागर

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी को लेकर किसान परेशान, मंडियों में लगी ट्रैक्टरों की कतार, खरीदी केंद्रों पर किसानों से ट्रॉली अनलोडिंग के नाम पर मांगे जा रहे हैं रुपए

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भोपाल। मप्र में इन दिनों 3,528 उपार्जन केंद्रों पर किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा जा रहा है। सरकारी आकड़ें के अनुसार अब तक कुल 3.09 लाख किसानों से 26.73 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है। इसमें से 24.44 लाख मीट्रिक टन का परिवहन तथा 21.86 लाख मीट्रिक टन का भंडारण किया जा चुका है। लेकिन धान की तरह गेंहू की खरीदी शुरू होते ही बिचौलिए और घोटालेबाज सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पूरी खरीदी व्यवस्था पर इस तरह कुंडली मार ली है कि किसानों की सालभर की कमाई उनके चंगुल में फंस गई है।
प्रदेशभर से आ रही शिकायतों ने गेहूं खरीदी में सरकार की पारदर्शिता की पोल खोलकर रख दी है। किसानों का कहना है कि खरीदी केंद्रों से लेकर वेयर हाउस तक फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। आलम यह है कि खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्था से किसान परेशान हो रहे हैं। मंडियों में ट्रैक्टरों की कतार लगी हुई है। केंद्रों पर किसानों से ट्रॉली अनलोडिंग के नाम पर रुपए मांगे जा रहे हैं। वहीं खरीदी केंद्रों पर जमकर गोलमाल चल रहा है। परिवहन से लेकर भंडारण तक में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही हैं। जांच में कई वेयर हाउसों की अनियमिता उजागर हो चुकी है।

15 लाख 33 हजार किसानों का पंजीयन
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु पंजीयन की प्रक्रिया 20 जनवरी से 9 अप्रैल तक संचालित की गई। इस अवधि में प्रदेश के 15 लाख 33 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया। वहीं उपार्जन की अवधि 15 मार्च से 5 मई तक निर्धारित है। किसानों को गेहूं के लिए 2,425 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के साथ 175 प्रति क्विंटल बोनस, कुल 2,600 प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है। प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरूण शमी ने बताया इस बार मप्र में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है।

स्लॉट बुकिंग से तीन गुना ज्यादा भंडारण
प्रदेश में गेहूं उपार्जन केन्द्र और वेयरहाउसों पर समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदी कार्य में जमकर उपार्जन नीति की अवहेलना करते हुए गोलमाल किया जा रहा था। इसकी शिकायतें लगातार प्रशासन के पास पहुंच रही थीं। शिकायतों की जांच के लिए जांच दल ने जब सीहोर के वेयर हाउसों का निरीक्षण किया तो वे भी चौंक गए। दो वेयर हाउसों पर स्लॉट बुकिंग से तीन गुना ज्यादा भंडारण मिला। जांच दल ने इसकी रिपोर्ट कलेक्टर बालागुरु के को सौंपी है। बताया जाता है कि गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर किसानों से रुपए लेकर स्लॉट बुकिंग होने के पहले ही गेहूं की खरीदी कर ली है। इसकी गवाही उपार्जन केन्द्रों पर रखा गेहूं का स्टाक स्वयं दे रहा था। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासन ने वेयर हाउसों और खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण के लिए जांच दल भेजा गया। ज्ञात रहे कलेक्टर बालागुरु के ने खुद दोराहा, श्यामपुर क्षेत्र के वेयरहाउस का निरीक्षण किया था। बताया जा रहा है कि निरीक्षण दल में जांच रिपोर्ट में अहमदपुर क्षेत्र के दो वेयरहाउस में काफी गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं।

न कोड का पता और न किसान के नाम का
सीहोर में मूंग खरीदी में गड़बड़ी के बाद अब गेहूं खरीदी में भी वेयर हाउस संचालक मनमानी पर उतारू हैं और लगातार सोशल मीडिया पर वेयर हाउसों पर बनाये गए उपार्जन केंद्रों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में फ्लैट कांटे से गेहूं का भंडारण करने के बाद उसे न केवल जेसीबी से ढेर लगाया जा रहा है, बल्कि खरीदी के बाद भरी गई कट्टियों में भी नियमों की अनदेखी की जा रही है। स्थिति यह है कि कट्टियों में न तो किसान कोड का पता है ओर न ही किसान के नाम का। ऐसे में यह समझ पाना मुश्किल है कि वेयर हाउस में बेचा गया गेहूं किस किसान और समिति का है। इस मामले में जिला कलेक्टर का आदेश भी धूमिल होता हुआ दिखाई दे रहा है। उल्लेखनीय है कि भैरूंदा क्षेत्र में सरकारी खरीदी के दौरान लगातार अनियमितता की शिकायत उभरकर सामने आती हैं। मूंग खरीदी में बड़ी हेराफेरी का मामला सामने आने के बाद लगभग दो दर्जन गोदामों को ब्लैक लिस्टेड किया गया था। स्थिति यह है कि इस बार खरीदी में कई वेयर हाउस ऐसे हैं, जिन्हें पूर्व में ब्लैक लिस्टेड किये जाने के बाद पुन: उपार्जन केंद्र बनाया गया है। इसके बावजूद वेयर हाउस संचालक सरकार के नियमों को ताक में रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कारण यह है कि संचालकों को वेयर हाउस भरने की चिंता अधिक है। उन्हें अपने किराये से मतलब है और वह किराये के लिए सरकार के किसी भी नियम को तोडऩे के लिए हमेशा उतारू रहते हैं।

किसानों से हो रही अवैध वसूली
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू होने के साथ ही खरीदी केंद्रों पर हंगामे और प्रदर्शन का दौर भी शुरू हो गया है। रतलाम में अलग-अलग केंद्रों पर हंगामे और विवाद की तस्वीरें सामने आई हैं। कहीं, किसानों की फसल गुणवत्ता से कम होने या राजस्व अधिकारियों द्वारा वेरीफाई नहीं किए जाने से नहीं खरीदी जा रही हैं तो कहीं किसानों से गेहूं अनलोड किए जाने के लिए रुपए मांगे जा रहे हैं। इटावा माताजी स्थित खरीदी केंद्र पर नायन गांव के किसान सुमेर सिंह से पिकअप वाहन में भरे गेहूं खाली करवाने के नाम पर 700 रुपए की मांग का आरोप लगाया है। इसके बाद किसानों ने गेहूं खरीदी केंद्र पर हंगामा कर दिया।

कोई शुल्क लेने का नियम नहीं
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी केंद्र के प्रभारी संजय सिंह का कहना है कि किसानों से हम्माली के रुपए नहीं लेने का नियम है। सोसाइटी की तरफ से 15 प्रति क्विंटल की दर से हम्मालों को भुगतान किया जाता है। किसानों से किसी भी प्रकार के अनैतिक रूपों की मांग नहीं की जा सकती। ऐसा करने पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी और इस संबंध में सभी हम्मालों और कर्मचारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।

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