पिछले 4 सालों में भोपाल में बढे साइबर फ्रॉड, 43 करोड़ की ठगी मे 34 लाख की बरामदगी

रिपोर्ट करने के बाद भी ठगी की रकम नहीं मिलती वापस

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भोपाल। मध्य प्रदेश में साइबर फ्राड बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। पिछले 4 साल में साइबर फ्रॉड 10 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। पुलिस बहुत सारे साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज ही नहीं करती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2021 में जो मुकदमे पुलिस ने दर्ज किए थे। उसमें चार करोड रुपए की ठगी के मामले आए थे। जो 2024 में बढ़कर 43 करोड रुपए कि ठगी पर पहुंच गए हैं। अगले 3 महीनो में यह राशि और भी बढ़ने जा रही है।

मामले दर्ज नहीं करती पुलिस
साइबर ठगी के मामले में ज्यादातर मामलों में आवेदन ले लिया जाता है। लेकिन मामला दर्ज नहीं होता है। इस तरह की शिकायतें लगातार मिलती हैं। 2021 में पुलिस ने 3915 मामले दर्ज किए थे। इसमें 4.18 करोड रुपए की ठगी हुई थी। 47 लाख रुपया इसमें पुलिस बरामद कर पाई।
2022 में साइबर क्राइम के रूप में 5491 मामले दर्ज किए गए। 17 करोड़ 15 लाख रुपए की ठगी हुईं थी। इसमें से साइबर क्राइम केवल 1 करोड़ 25 लाख रुपए बरामद कर पाया।
वर्ष 2023 में 6087 प्रकरण दर्ज किए गए। इन मामलों में 24 करोड़ 35 लाख रुपए की ठगी हुईं थी। साइबर क्राइम पुलिस केवल 49 लाख रुपए ठगी के बरामद कर पाई।
2024 सितंबर तक के 9 महीने में 4470 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 43 करोड़ 6 लाख रुपए की ठगी की गई है। साइबर क्राइम की पुलिस मात्र 34 लाख रुपए बरामद कर पाई है। पिछले 4 वर्षों में चार करोड़ की रकम की ठगी बढ़कर 44 करोड़ 9 महीने में पहुंच गई है।

साइबर फ्रॉड में रिकवरी बहुत कम
साइबर ठगी के शिकार अपनी रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। प्रदेश के बाहर और देश के बाहर बैठे हुए अपराधियों द्वारा साइबर फ्राड के अपराध किए जाते हैं। साइबर पुलिस इन तक पहुंच ही नहीं पाती है। जिन मामलों में रकम बरामद हुई है। उसमें ठगों ने किराए पर बैंक खाता लेकर ठगी कर रकम ट्रांसफर करवाई थी। उसमें से ही कुछ मामलों में रकम बरामद हो पाती है।

साइबर फ्रॉड करने वाले पुलिस से ज्यादा होशियार
साइबर फ्रॉड के मामलों की जांच करने वाली पुलिस की माने, तो साइबर ठगी करने वाले ठगी का पैसा क्रिप्टो करेंसी और हवाला के माध्यम से तुरंत देश के बाहर भेज देते हैं। क़ुछ ही घंटे में कई खातों में रकम को ट्रांसफर कर देते हैं। जिसके कारण रकम को बरामद कर पाना बड़ा मुश्किल होता है। अलग-अलग राज्यों में बैठे हुए लोगों द्वारा ठगी की जाती है। इन मामलों को ट्रेस करने में काफी समय लगता है। यदि पुलिस ठगों तक पहुंच भी जाती है। इसके बाद भी उनसे पैसा बरामद नहीं हो पाता है। जो लोग ठगी का शिकार होते हैं। उनका पैसा तो चला ही जाता है। कई दिनों तक उनका सुख चैन चला जाता है।

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